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Friday, April 26, 2024

16 साल से अधिक की मुस्लिम लड़की अपने मन पसन्द के लड़के से शादी कर सकती है: हाई कोर्ट

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नई दिल्ली: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि 16 साल से अधिक उम्र की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद के लड़के से शादी कर सकती है। साथ ही हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि 16 साल की लड़की को पति संग रहने के लिए जरूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि मुस्लिमों का विवाह मुस्लिम पर्सनल लॉ के अधीन होता है। इसके तहत कोई भी व्यक्ति जो यौन परिपक्वता प्राप्त कर लेता है, वह निकाह के योग्य माना जाता है। साथ ही यह भी स्पष्टीकरण है कि यदि सुबूत मौजूद नहीं है तो 15 वर्ष की आयु को निकाह योग्य माना जाता है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा का अधिकार है।

दरअसल परिजनों की मर्जी के बिना शादी करने वाले एक जोड़े ने अपनी सुरक्षा के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी लगाई थी। जिसे मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने पठानकोट के एसएसपी को 16 साल की लड़की को अपने पति संग रहने के लिए जरूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।

अपने याचिका में दंपती ने बताया कि उन्होंने अपने घर वालों की मर्जी के बगैर विवाह कर लिया है। दोनों ने मुस्लिम धर्म की रस्मों को पूरा करते हुए शादी किया है। लड़के की आयु 22 साल है वहीं लड़की की आयु 16 वर्ष है। याची ने कहा कि मुस्लिम धर्म में यौन परिपक्वता पाने के बाद लड़का और लड़की दोनों का विवाह वैध माना जाता है। ऐसे में दोनों का विवाह वैध है और उन्हें सुरक्षा दी जाए। साथ ही याची ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने पठानकोट के एसएसपी से भी सुरक्षा के लिए गुहार लगाई थी, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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