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Saturday, April 27, 2024

इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की SBI को फटकार कहा- ’21 मार्च तक हलफनामा दें कि कुछ नहीं छुपाया’ चुनावी बॉन्ड पर’

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Electoral Bonds: सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बांड को लेकर सुनावई शुरू हो चुकी है. सुनावई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से कहा कि आप ने चुनावी बांड की आधी-अधूरी जानकारी क्यों दी।

सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आपको चुनावी बांड के यूनीक नंबर जारी करने होंगे और साथ ही आपको एक हलफनामा भी दायर करना होगा कि आपने चुनावी बांड को लेकर अब कोई जानकारी नहीं छुपाई.

बता दें कि प्रत्येक चुनावी बांड पर एक यूनीक नंबर दर्ज होता है. इस यूनीक नंबर से ही पता चलेगा कि किस दाता ने किस पार्टी को चंदा दिया.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, SBI से सभी विवरण का खुलासा करने को कहा गया था और इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड की संख्या भी शामिल थी. कोर्ट ने आगे कहा कि आपको विवरण का खुलासा करने में चयनात्मक नहीं होना चाहिए. हम चाहते हैं कि आपके पास इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी जो भी जानकारी है वे सारी जानकारी सार्वजनिक की जाए.

‘हमारी छवि खराब करने की हो रही कोशिश’

इसके जवाब में SBI ने कहा कि चुनावी बांड को लेकर हमारी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. हम प्रत्येक जानकारी देने को तैयार है. एसबीआई ने कहा कि वह बैंक के पास मौजूद सारी जानकारी को साझा करेगा और कोई भी जानकारी को नहीं छुपाएगा.

मुख्य पार्टियों ने डोनर का खुलासा नहीं किया- प्रशांत भूषण

वहीं सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता Association for Democratic Reforms (ADR) की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुख्य राजनीतिक दलों ने दाताओं के नामों का खुलासा नहीं किया है. मेरी प्रार्थना है कि शुरू से लेकर पूरा डाटा सार्वजनिक किया जाए. इस पर सीजेआई ने कहा कि हमने आपका पक्ष जान लिया है आपने इसको लेकर आवेदन किया है.

योजना का उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना था- सॉलिसिटर जनरल

वहीं केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि योजना का अंतिम उद्देश्य काले धन पर अंकुश लगाना था और शीर्ष अदालत को पता होना चाहिए कि इस फैसले को अदालत के बाहर कैसे खेला जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि अब विच हंटिंग केंद्र सरकार के स्तर पर नहीं बल्कि दूसरे स्तर पर शुरू हो गई है. अदालत के समक्ष मौजूद लोगों ने प्रेस इंटरव्यू देना शुरू कर दिया और जानबूझकर अदालत को शर्मिंदा करना शुरू कर दिया. सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा कि शर्मिंदगी पैदा करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए जा रहे हैं.

गुरुवार 5 बजे तक हलफनामा दें’

दोनों पक्षों को सुनने के बाद अंत में सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई के चेयरमैन को आदेश दिया कि वो गुरुवार शाम 5 बजे तक हलफनामा दाखिल करें कि बैंक के पास चुनावी बांड को लेकर जो भी जानकारी थी वह सब उसने चुनाव आयोग को दे दी है और अब उसके पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह एसबीआई से डाटा मिलने के तुरंत बाद उसे वेबसाइट पर अपलोड करेगा.

By Ahsan Ali
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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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