10.2 C
London
Saturday, April 27, 2024

बिना राशन कार्ड वाले बेघर लोगों को भी मिलेगा राशन, सरकार विकसित कर रही सिस्टम

- Advertisement -spot_imgspot_img
- Advertisement -spot_imgspot_img

भारत में सस्ती दरों पर अनाज पाने का सबसे आम तरीका राशन कार्ड है. हालांकि राशन कार्ड बनवाने के लिये डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है. ऐसे में कई बेघर और बेसहारा लोग सस्ते अनाज की सुविधा से दूर रहते हैं और उनको दूसरों की दया पर रहना पड़ता है..हालांकि सरकार कोशिश कर रही है कि वो जल्द इस स्थिति को बदले.

यानि बेघर और बेसहारा लोग भी सस्ता अनाज पा सकें. खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बृहस्पतिवार को जानकारी दी कि केंद्र, बेघर और बिना राशन कार्ड वाले बेसहारा लोगों का आंकड़ा जुटाने के लिए एक प्रणाली विकसित करने के अंतिम चरण में है, ताकि सब्सिडी वाले खाद्यान्न का लाभ उन्हें भी मिल सके

क्यों जरूरत पड़ी नये सिस्टम की

बेघर और बेसहारा लोगों के पास अपना पहचान पत्र नहीं होता वहीं उनके पास आवास भी नहीं होता जिससे उनके नाम पर राशन कार्ड नहीं बनता. राशन कार्ड न होने से वो सस्ते दरों पर अनाज या फिर मुफ्त में अनाज की योजना का लाभ नहीं पा सकते. जनसंख्या के इस वर्ग को योजना के दायरे में लाने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में पूछे जाने पर, सचिव ने कहा, ”यह प्रक्रिया आगे बढ़ चुकी है और एक प्रणाली का विकास अंतिम चरण में है. उसके बाद इसे परीक्षण के लिए रखा जाएगा” विकसित की जा रही नई प्रणाली मूल रूप से सभी बेघर, आश्रयहीन निराश्रितों को दायरे में लाने के लिए है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं. उन्होंने कहा कि पहचान की कमी या घर के पते की कमी के कारण राज्य सरकारों ने उन्हें राशन कार्ड जारी नहीं किया है बेघरों से जुड़े इन सभी मुद्दों पर ध्यान दिया जाएगा”

81 करोड़ लोगों को सस्ती दरों पर अनाज

फिलहाल सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से राशन कार्ड वाले 81 करोड़ से अधिक लोगों को 1-3 रुपये प्रति किलो की दर से खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है. सब्सिडी वाले खाद्यान्न के अलावा, महामारी के दौरान सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत एनएफएसए लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति कर रही है, इस योजना को कई बार बढ़ाया जा चुका है और अब यह मार्च 2022 तक वैध है.चूंकि बेघर और बेसहारा लोगों के पास पहचान पत्र या आवासीय पते के अभाव में कोई राशन कार्ड नहीं है, इसलिए वे एनएफएसए या पीएमजीकेएवाई के के दायरे में नहीं आ पाते हैं. खाद्य मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि राज्यों ने एनएफएसए के तहत कवर नहीं किए गए लोगों को वितरण के लिए चालू वित्तवर्ष 2021-22 में 11.21 लाख टन खाद्यान्न उठाया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों ने वर्ष 2021-22 में केंद्र की खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 11 लाख टन से अधिक खाद्यान्न खरीदा है

- Advertisement -spot_imgspot_img
Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

Latest news

- Advertisement -spot_img

Related news

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here