इस समय दुनिया भर में 3 अरब 80 करोड़ लोग वे हैं जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं और इनमें से अधिकतर के लिए यही प्लेटफ़ार्म जानकारियों और ख़बरों का मूल ज़रिया है।
सोशल मीडिया को हथियार के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। हाल ही में टेक फ़ॉग नाम का एक एल्पीकेशन प्रकाश में आया है जिसे भारत की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल ने तैयार किया है।
इस आंतरिक एपलीकेशन का सुराग़ भारतीय वेबसाइट द वायर ने अपनी जांच में लगाया है।
जांच की शुरुआत एक व्यक्ति के ज़रिए किए गए ट्वीट्स से हुआ। उस व्यक्ति का दावा था कि वह भाजपा के आईटी सेल का सदस्य है। वह इस बात पर नाराज़ था कि उस से जिस नौकरी का वादा किया गया था वह उसे नहीं दी गई। अपने ट्वीट्स में उसने टेक फ़ॉग और इसके अलावा एक और नए एप्लीकेशन का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसे भाजपा का आईटी सेल इस्तेमाल करता है।
इस तरह द वायर ने दो साल तक चलने वाली जांच की शुरुआत कर दी और अब इस जांच के नतीजे को प्रकाशित किया जा रहा है।
जांच में पता चला है कि इस एप्लीकेशन को ख़ुफ़िया तरीक़े से हिंदुत्व के नफ़रती नज़रिए को विस्तार देने के लिए इस्तेमाल किया गया।
इस एप्लीकेशन के ज़रिए ट्वीटर और फ़ेसबुक के ट्रेंड सेक्शन को हैक किया गया और एप्लीकेशन इस्तेमाल करने वाले सोशल मीडिया यूज़र्स ख़ुद बख़ुद री ट्वीट और पोस्ट करते रहे। इस तरह दक्षिणपंथी नैरेटिव का तूफ़ान आ गया जो अन्य नैरेटिव को बहा ले गया।
इस एप्लीकेशन को भाजपा नेतृत्व की ओर से मंज़ूर शुदा टारगेट को लगातार भयभीत करने के लिए भी इस्तेमाल किया गया और इसके लिए नागरिकों का बड़ा डेटा बेस बनाया गया।
डराने के लिए बनाई गई इस एप्लीकेशन में आसानी के लिए महिला यूज़र्स के लिए आटोमेटेड जवाब की सहूलत भी दी गई जिसके तहत बलात्कार की धमकियां देने जैसे ट्वीट ख़ुद बख़ुद तैयार हो जाते हैं और उन्हें ज़्यादा से ज़्यादा एकाउंट्स से ट्वीट किया जाता है।
इस एप्लीकेशन की मदद से सरकार के आलोचक यूज़र्स की जासूसी भी की जाती है।