यूपी के मुरादाबाद जनपद की सीटों पर अजीब ही नजारा देखने को मिल रहा है। जिले की छह सीटों पर बीजेपी को छोड़कर ज्यादातर पार्टियों ने मुस्लिम कैंडिडेट ही उतार दिए हैं। पिछली बार चार सीटों पर जीत का परचम लहराने वाली सपा के सामने अन्य पार्टियों के मुस्लिम कैंडिडेट उतारने से मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
मुरादाबाद जिले की सभी सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। 55 से 60 प्रतिशत वोट मुस्लिम समुदाय के पास है। शायद यही कारण है कि बीजेपी को छोड़ बाकी पार्टियों ने यहां से मुस्लिम कैंडिडेट्स को ही चुनावी मैदान में उतार दिया है। इससे सपा को नुकसान तो बीजेपी को सीधे फायदा हो सकता है।
अगर जिले में ध्रुवीकरण होता है तो हिन्दू वोट सीधे बीजेपी के खाते में जा सकता है। इस सीट से समाजवादी पार्टी के अलावा बसपा, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम ने सभी सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने पांच मुस्लिम और एक हिन्दू कैंडिडेट को टिकट दिया है। जिले में प्रमुख पार्टियों के 39 उम्मीदवारों में से 32 कैंडिडेट मुस्लिम समुदाय से आते हैं। ऐसे में जिले में मुस्लिम वोट बैंक के बंटने की संभावना है। जिससे बीजेपी को फायदा पहुंचेगा।
पिछली बार भी सपा ने सभी सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट ही उतारे थे। तब उसे चार सीटों पर जीत मिली थी। वहीं बीजेपी के हिस्से दो सीटें आई थीं। इस बार सपा ने अपने दो मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है। मुरादाबाद देहात सीट पर सपा ने हाजी इकराम कुरैशी का टिकट काटकर मुहम्मद नासिर कुरैशी को मैदान में उतारा है। वहीं कुंदरकी सीट से भी वर्तमान विधायक हाजी रिजवान का टिकट काटते हुए सपा ने जियाउर रहमान बर्क पर दांव लगाया है।
इन दोनों विधायकों के टिकट काटने पर सपा को विद्रोह का भी सामना करना पड़ रहा है। हाजी रिजवान तो पार्टी छोड़कर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। जिले में दूसरे चरण में 14 फरवरी कोवोट डाले जाने हैं। वहीं रिजल्ट 10 मार्च को आएगा।