पटना. बिहार की राजनीति में इन दिनों लालू प्रसाद की पार्टी राजद (RJD) का अंदरूनी झगड़ा सुर्खियों में है. पावर पॉलिटिक्स के तहत हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि बात लालू के दोनों बेटों तेजप्रताप यादव (Tejpratap Yadav) और तेजस्वी यादव के रिश्तों में दरार तक जा पहुंची है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से तेजप्रताप यादव की भिड़ंत हुई तो मामले में न केवल तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने हस्तक्षेप किया बल्कि तेजप्रताप को इशारों ही इशारों में कड़ा संदेश दे दिया.
दोनों भाईयों के पार्टी में वर्चस्व जमाने को लेकर पहले भी विवाद सामने आते रहे हैं लेकिन इस बार भी बाजी में फिलहाल तेजस्वी यादव ही अपने बड़े भाई तेजप्रताप पर भारी पड़ते दिख रहे हैं. जगदानंद सिंह प्रकरण में जब पार्टी ने छात्र प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से तेजप्रताप के खासमखास आकाश यादव की छुट्टी कर दी तो रातोरात एक और नाम सामने आ गया संजय यादव. संजय यादव पर तेजप्रताप ने एक के बाद एक कई संगीन आरोप लगाए और उनको प्रवासी सलाहकार तक बता डाला.
शनिवार की देर शाम राजद विधायक तेजप्रताप यादव ने नेता विपक्ष तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले संजय यादव पर अपनी हत्या की साजिश का आरोप मढ़ा. मीडिया से बातचीत में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप ने संजय यादव पर अपने तीन बॉडीगार्ड का मोबाइल बंद कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी जान को खतरा उत्पन्न हो गया है. संजय यादव पर तेजप्रताप का यह आरोप तेजस्वी को घेरने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
तेजस्वी के मुख्य सलाहकार संजय यादव के बारे में तेजप्रताप ने यहां तक कह दिया कि जिस प्रवासी सलाहकार के इशारो पे पार्टी चल रही वो हरियाणा में अपने परिवार से किसी को सरपंच नहीं बनवा सकता वो ख़ाक मेरे अर्जुन को मुख्यमंत्री बनायेगा ..वो प्रवासी सलाहकार सिर्फ लालू परिवार और राजद में मतभेद पैदा कर सकता है. ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर संजय यादव है कौन जिसे तेजप्रताप दोनों भाईयों को तोड़ने की कोशिश करने वाला शख्स बता रहे हैं.
तेज प्रताप ने जगदानंद पर निशाना साधा है.
तेजस्वी यादव के साथ साये की तरह रहने वाले संजय यादव हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं. खबरों के मुताबिक माना जाता है कि संजय यादव की तेजस्वी से पहली मुलाकात आईपीएल के दौरान हुई जब तेजस्वी दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए खेला करते थे. क्रिकेट के बाद तेजस्वी ने जब राजनीति की बागडोर संभाली तो संजय को साथ बुला लिया. संजय यादव ने एमएससी और एमबीए की पढ़ाई की है. संजय यादव आईटी कंपनी में काम करते थे लेकिन तेजस्वी से जुड़ने के बाद आईटी कम्पनी को छोड़कर आरजेड़ी जॉइन किया और तेजस्वी के लिए रणनीति बनाने का काम करने लगे.
माना जाता है कि संजय यादव ने 2015 चुनाव में पहली बार चुनाव की रणनीति बनाई लेकिन 2020 के चुनाव में आरजेडी के लिए तेजस्वी के साथ मिलकर पूरी रणनीति तैयार की. एनडीए के जंगलराज के नारे के विरोध में 10 लाख नौकरी देने की रणनीति बनाई. संजय ने हर विधानसभा के लिए अलग अलग रणनीति बनाई थी. संजय यादव मुख्य रूप से तेजस्वी के लिए ही काम करते हैं लेकिन पार्टी के तमाम विधायको पर भी उनकी पकड़ मानी जाती है. लालू के जेल में रहने और तेजस्वी के कमान सभालने के बाद संजय यादव का कद लगातार बढ़ता गया लेकिन वो तेजप्रताप को कभी भाव देते नहीं दिखे. संजय यादव पर तेजप्रताप पर भड़कने के पीछे यह भी कारण माना जाता है कि तेजप्रताप के किसी भी बात या फैसले को संजय यादव न तो खुद ही तवज्जो देते हैं और न ही तेजस्वी को भी नोटिस करने देते हैं.
बहरहाल लालू परिवार के अंदर चल रहे टशन के बीच जिस तरह से तेजप्रताप यादव ने संजय यादव का न केवल नाम लिया है बल्कि संगीन आरोप भी लगाए हैं वो बताने के लिए काफी है कि लालू परिवार के एक खेमे में संजय की पकड़ कितनी है.