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Tuesday, March 26, 2024

WHO का दावा इंडिया में हुई दुनिया में सबसे ज्यादा ‘कोरोना’ से मौत, आंकड़े देख मोदी सरकार ने जताई आपत्ति

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लंदन: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अनुमान है कि पिछले दो वर्षों में लगभग 1.5 करोड़ लोगों ने या तो कोरोना वायरस (Coronavirus) से या स्वास्थ्य प्रणालियों पर पड़े इसके प्रभाव के कारण जान गंवाई. यह देशों द्वारा मुहैया कराए गए आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 60 लाख मौत (Covid Death Toll) के दोगुने से अधिक है. ज्यादातर मौतें दक्षिण पूर्व एशिया, यूरोप और अमेरिका में हुईं.

वहीं, भारत जैसे देशों ने कोविड-19 से हुई मौतों के आकलन को लेकर सवाल उठाए हैं. भारत सरकार ने इस सप्ताह की शुरुआत में नए आंकड़े जारी किए, जिससे पता चला कि पिछले साल की तुलना में 2020 में 474,806 अधिक मौतें हुईं. भारत ने 2021 के लिए मौत का अनुमान जारी नहीं किया.

कोरोना की वजह से हुई मौतों को लेकर WHO ने एक रिपोर्ट जारी की है. उस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में कोरोना की वजह से 47 लाख से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है. वहीं भारत का जो आधिकारिक आंकड़ा है, वो पांच लाख से कुछ ज्यादा का है. ऐसे में भारत सरकार ने WHO की रिपोर्ट पर आपत्ति दर्ज करवा दी है.

भारत सरकार ने उस आंकड़े पर ही सवाल खड़ कर दिए हैं. उनके मुताबिक जिस तकनीक या मॉडल के जरिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने  ये आंकड़े इकट्ठा किए हैं, वो ठीक नहीं है. जारी बयान में कहा गया कि भारत की आपत्तियों के बावजूद भी WHO ने पुरानी तकनील और मॉडल के जरिए मौत के आंकड़े जारी कर दिए हैं, भारत की चिंताओं पर सही तरीके से गौर नहीं किया गया.

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख नेे आंकड़े को  गंभीर बताया

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने इस आंकड़े को गंभीर बताते हुए कहा कि इससे देशों को भविष्य की स्वास्थ्य आपात स्थितियों से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं में अधिक निवेश करने के लिए प्रेरित होना चाहिए.

1.33 करोड़ से लेकर 1.66 करोड़ लोगों की मौत

डब्ल्यूएचओ के तहत वैज्ञानिकों को जनवरी 2020 और पिछले साल के अंत तक मौत की वास्तविक संख्या आंकलन करने की जिम्मेदारी दी गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, 1.33 करोड़ से लेकर 1.66 करोड़ लोगों की मौत या तो कोरोना वायरस या स्वास्थ्य सेवा पर पड़े इसके प्रभाव के कारण हुई. जैसे कि कोविड मरीजों से अस्पताल के भरे होने के कारण कैंसर के मरीजों को इलाज नहीं मिल पाया.

यह आंकड़ा सांख्यिकी मॉडलिंग पर आधारित

यह आंकड़ा देशों की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़ों और सांख्यिकी मॉडलिंग पर आधारित है. डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 से सीधे तौर पर मौत का विवरण नहीं मुहैया कराया है.

महामारी का मुकाबला कैसे करना चाहिए, यह महत्वपूर्ण

येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में संक्रामक रोग विशेषज्ञ अल्बर्ट कू ने कहा, ”किसी संख्या के बारे में निष्कर्ष पर पहुंचना जटिल काम है, लेकिन डब्ल्यूएचओ के ये आंकड़े यह समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है कि हमें भविष्य की महामारी का मुकाबला कैसे करना चाहिए और किस तरह की तैयारी रखनी चाहिए.”

भारत ने मौतों के आकलन की पद्धति को लेकर सवाल उठाए

भारत जैसे देशों ने कोविड-19 से हुई मौतों के आकलन की पद्धति को लेकर सवाल उठाए हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में भारत सरकार ने नए आंकड़े जारी किए, जिससे पता चला कि पिछले साल की तुलना में 2020 में 474,806 अधिक मौतें हुईं. भारत ने 2021 के लिए मौत का अनुमान जारी नहीं किया.

गरीब देशों में मौतों का सटीक आंकड़ा कभी पता नहीं चल सकेगा

ब्रिटेन के एक्सेटर विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. भरत पंखानिया ने कहा कि खासकर गरीब देशों में कोविड-19 से हुई मौतों के बारे में सटीक संख्या का पता कभी नहीं चल सकेगा. उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में कोविड-19 से अधिक नुकसान हो सकता है. 

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Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network

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