रूस की कंपनियों पर पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों के बाद भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने भी बड़ा फैसला लिया है। भारतीय स्टेट बैंक ने ऐसी सभी रूसी कंपनियों से लेनदेने रोक दिया है, जिन पर पश्चिमी देशों ने बैन लगाया है। सूत्रों का कहना है कि एसबीआई को लगता है कि इन कंपनियों से लेनदेन करने पर उस पर भी बैन लग सकता है।
इस संबंध में एसबीआई ने एक सर्कुलर भी जारी किया है। इस सर्कुलर में कहा गया है कि अमेरिका, यूरोपियन यूनियन और संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से जिन कंपनियों, बैंकों, बंदरगाहों पर रोक लगाई गई है, उनके साथ किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं किया जाएगा।
बैंक ने कहा कि इन संस्थानों की बकाया पेमेंट का भुगतान भी बैंकिंग चैनल की बजाय किसी और माध्यम से किया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक मॉस्को में एक जॉइनट वेंचर भी चलाता है, जिसका नाम कॉमर्शियल इंडो बैंक है। इसमें कैनरा बैंक की भी 40 फीसदी की हिस्सेदारी है। इस संबंध में एसबीआई ने किसी सवाल का जवाब नहीं दिया है।
भारत को सैन्य हथियारों की सप्लाई करने वाले देशों में रूस टॉप पर है। ये सारी डील्स गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट कॉन्ट्रैक्ट के तहत हुई हैं। इस वित्त वर्ष में भारत और रूस के बीच अब तक कुल 9.4 अरब डॉलर का कारोबार हुआ है। इससे पहले 2020-21 में यह कारोबार 8.1 अरब डॉलर ही था।
सैन्य हथियारों के अलावा भारत रूस से ईंधन, मिनरल ऑयल, मोती, कीमती पत्थरों, न्यूक्लियर रिएक्टर. बॉइलर्स, मशीनरी और मकेनिकल अप्लायंसेज, इलेक्ट्रिकल मशीनरी और फर्टिलाइजर्स का आयात करता है। इसके अलावा भारत की ओर से रूस को फार्मा प्रोडक्ट्स, इलेक्ट्रिकल मशीनरी और ऑर्गनिक केमिकल्स का निर्यात किया जाता है।
इससे पहले ईरान पर पश्चिमी देशों की ओर से लगे बैन के बाद भी ऐसा ही फैसला लिया गया था। यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग का गुरुवार को 8वां दिन है। बीते सप्ताह अमेरिका समेत दुनिया की 7 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने रूस पर बैन लगा दिए थे।