वाशिंगटन. अमेरिकी अधिकारियों (US Officials) ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में चीन की महत्वाकांक्षाओं और उन्नत तकनीकों की एक श्रृंखला के बारे में नई चेतावनी (New Warning) जारी की है, जो अंततः बीजिंग को एक निर्णायक सैन्य बढ़त तथा अमेरिका में स्वास्थ्य देखभाल एवं अन्य आवश्यक क्षेत्रों पर संभावित प्रभुत्व प्रदान कर सकती हैं. राष्ट्रीय खुफिया प्रतिवाद एवं सुरक्षा केंद्र के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि चेतावनियों में प्रमुख उद्योगों में चीनी निवेश या विशेषज्ञता के प्रवेश का प्रयास शामिल है.
राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियां चीन के खिलाफ एक आक्रामक सार्वजनिक रुख अपना रही हैं, जिसे कुछ अधिकारियों ने अमेरिका के लिए सबसे बड़ा रणनीतिक खतरा कहा है. साथ ही बाइडन प्रशासन ने ट्रंप कार्यकाल के दौरान चीन के साथ पैदा हुए तनाव को कम करने तथा व्यापार और जलवायु परिवर्तन के मामले पर आम सहमति के साथ काम करने की कोशिश की है.
चीन से ‘हारने का जोखिम नहीं उठा सकता’ अमेरिका
खुफिया प्रतिवाद केंद्र के कार्यवाहक निदेशक ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों से कहा कि अमेरिका कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्वायत्त प्रणाली, क्वांटम कंप्यूटिंग, सेमी कंडक्टर और जैव प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न प्रमुख क्षेत्रों में चीन से ‘हारने का जोखिम नहीं उठा सकता.’
बीजिंग को मिल सकती निर्णायक सैन्य बढ़त
उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता में चीन की महत्वाकांक्षाओं और उन्नत तकनीकों की एक श्रृंखला अंततः बीजिंग को एक निर्णायक सैन्य बढ़त तथा अमेरिका में स्वास्थ्य देखभाल एवं अन्य आवश्यक क्षेत्रों पर संभावित प्रभुत्व प्रदान कर सकती हैं.
कोरोना के दौरान और ज्यादा खराब हुए संबंध
दरअसल अमेरिका से सुपर पावर का ‘खिताब’ छीनने के चीन लगातार प्रयास कर रहा है. बीते दशक में ड्रैगन लगातार अमेरिका विरोधी शक्तियों को प्रश्रय देता रहा है. लेकिन कोरोना महामारी फैलने के बाद दोनों देशों से संबंध बुरी तरह तल्ख हुए. निवर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कोरोना को ‘चाइनीज वायरस’ भी कहते रहे. ट्रंप के तल्ख बयानों पर चीन की तरफ से भी जमकर बयानबाजी की गई थी.