नई दिल्ली, 18 नवंबर: पद्मश्री सम्मान से सम्मानित बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत लगातार अपने बयानों को लेकर विवादों में हैं। 1947 में भारत को मिली आजादी को ‘भीख में आजादी’ बताने के बाद शुरू हुआ हंगामा अभी थमा भी नहीं था कि कंगना ने महात्मा गांधी को लेकर ऐसा बयान दे दिया, जिसपर नया विवाद खड़ा हो गया। दरअसल कंगना रनौत ने नए बयान में कहा कि अपने नेताओं का चयन समझदारी से करना चाहिए, क्योंकि थप्पड़ के जवाब में दूसरा गाल दिखाना आजादी नहीं भीख है। कंगना के इस बयान पर अब महात्मा गांधी के पौत्र तुषार गांधी ने अभिनेत्री को करारा जवाब दिया है।
‘उस पराक्रम का अंदाजा तक नहीं लगा सकते’
तुषार गांधी ने एक लेख लिखते हुए कंगना रनौत के बयान के जवाब में कहा, ‘थप्पड़ के जवाब में दूसरा गाल दिखाने के लिए, महात्मा गांधी से नफरत करने वालों के मुकाबले कहीं ज्यादा साहस की जरूरत पड़ती है। जो लोग यह आरोप लगाते हैं कि गांधीवादी थप्पड़ के जवाब में केवल अपना दूसरा गाल आगे कर सकते हैं और इसलिए वो कायर हैं, वे लोग नहीं समझ सकते कि इस बहादुरी के लिए कितने साहस की जरूरत होती है। ऐसे लोग उस पराक्रम का अंदाजा तक नहीं लगा सकते। लेकिन, हमें गांधी को नहीं भूलना चाहिए।’
‘कायर वो थे, जिन्होंने माफी मांगी’
अपने लेख में तुषार गांधी ने लिखा, ‘किसी के थप्पड़ के जवाब में दूसरा गाल आगे करना कायरता का काम नहीं है। इसके लिए बहुत साहस चाहिए और आजादी की लड़ाई में भारत के लोगों ने भारी संख्या में यह साहस दिखाया था। वो सभी हमारे हीरो थे, हमारे नायक थे। कायर वो थे, जो अपने मालिकों की चापलूसी कर रहे थे। कायर वो थे, जिन्होंने अपने निजी फायदे के लिए ब्रिटिश राज के सामने माफी की याचिका दाखिल करने से पहले पलक तक नहीं झपकी।’
‘ब्रिटिश साम्राज्य ने उसी फकीर के सामने घुटने टेके’
महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए तुषार गांधी ने लिखा, ‘अगर कोई बापू को भिखारी कहता है, तो बापू उसका भी स्वागत करेंगे। अपने देश के लिए, अपने देश के लोगों के लिए उन्हें भीख मांगने में भी कोई ऐतराज नहीं था। जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने उन्हें ‘अधनंगा फकीर’ कहा, तो बापू ने उसका भी बुरा नहीं माना। और, आखिरकार ब्रिटिश साम्राज्य ने उसी फकीर के सामने घुटने टेक दिए, जिसे आज भारत में भिखारी कहकर नकारा जा कर रहा है।’
‘सच हमेशा कायम रहता है’
तुषार गांधी ने आगे लिखा, ‘इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि झूठ कितनी जोर से बोला जाता है और सच की आवाज कितनी धीमी है, सच हमेशा कायम रहता है, जबकि झूठ को जिंदा रखने के लिए कई दूसरे झूठों का सहारा लेना पड़ता है। आज जो झूठ चिल्लाकर बोले जा रहे हैं, उन्हें जवाब देने की जरूरत है। 1947 में मिली आजादी को भीख बताना, उन हजारों स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और बलिदान को नीचा दिखाना है, जिनकी बदौलत आज हम आजाद हैं।’
कंगना ने आखिर कहा क्या था?
आपको बता दें कि हाल ही में पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना रनौत ने आजादी को लेकर विवादित बयान दिया था। कंगना रनौत ने कहा था, ‘1947 में जो मिली, वो आजादी नहीं थी, बल्कि एक भीख थी और देश को असली आजादी 2014 में मिली है।’ कंगना रनौत के इस बयान को लेकर जहां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने शिकायत दर्ज कराई है, वहीं उनसे पद्मश्री सम्मान वापस लेने की मांग भी उठ रही है। हालांकि इस विवाद पर कंगना ने कहा कि अगर कोई उन्हें गलत साबित कर दे, तो वो अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने और माफी मांगने के लिए तैयार हैं।