रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से ताजा मुलाकात के तुरंत बाद टर्की के राष्ट्रपति रजिब तयिब आर्दोआन ने अमेरिका पर तीखा हमला बोल दिया। उन्होंने जो बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी पर ‘आतंकवाद का समर्थन’ करने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने लड़ाकू विमान विकसित करने की एक परियोजना से टर्की को निकाले जाने के मामले में अमेरिका से 1.4 अरब डॉलर की रकम लौटाने की मांग की।
अमेरिकी विश्लेषकों का कहना है कि अपने इस तेवर से आर्दोआन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए एक नया सिरदर्द पैदा कर दिया है। टर्की के अमेरिका से करीबी संबंध रहे हैं। लेकिन दोनों देशों का रिश्ता गलत दिशा में जाता दिख रहा है। अमेरिका के लिए खास चिंता टर्की का रूस के साथ निकट संबंध बनाने की कोशिश है।
आर्दोआन ने ये टिप्पणियां रूस के शहर सोची में पुतिन से हुई मुलाकात के बाद देश लौटते समय विमान में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कीं। उन्होंने जिस अमेरिकी अधिकारी को घेरे में लिया वे ब्रेट मैगुर्क हैं। मैगुर्क पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका के लिए व्हाइट हाउस के को-ऑर्डिनेटर हैं। आर्दोआन ने आरोप लगाया कि मैगुर्ग की सीरिया स्थित कुर्द बागियों से मिलीभगत है। कुर्द बागियों को टर्की अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा मानता है।
इसके पहले टर्की के रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा था कि कुर्द अलगाववादी आंदोलन की सीरियाई शाखा को अमेरिकी समर्थन टर्की और अमेरिका के संबंधों के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। टर्की में रहने वाली कुर्द आबादी से जुड़ा संगठन पीकेके कुर्द आबादी के लिए अलग देश के लिए मुहिम चलाता रहा है। उसकी सीरियाई शाखा को याईपीजी नाम से जाना जाता है।
जानकारों का कहना है कि टर्की काफी समय से रूस से करीबी रिश्ता बना रहा है। इसी के तहत उसने रूस में बने एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम को खरीदने का फैसला किया था। उसके इसी फैसले से उठे विवाद के बीच अमेरिका ने उसे एफ-35 लड़ाकू विमान के कार्यक्रम से बाहर कर दिया।
आर्दोआन ने कहा- ‘हमने इस प्रोग्राम के लिए 1.4 अरब डॉलर का भुगतान कर दिया था। उसका क्या होगा। हमने ये रकम आसानी से नहीं कमाई थी। इसलिए अमेरिका को या तो हमें विमान देना होगा या फिर पैसा लौटाना होगा।’ टर्की की संसद के पूर्व सदस्य और अब अमेरिकी थिंक टैंक फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के लिए काम करने वाले आइकान अर्देमीर ने अमेरिकी वेबसाइट एक्सियोस.कॉम से कहा कि बाइडन के सत्ता में आने के साथ दोनों देशों के बीच संबंधों की गरमाहट और कम हो गई। इसका एक कारण यह रहा कि बाइडन प्रशासन ने अपने शुरुआत दिनों में टर्की पर मानव अधिकारों के हनन का आरोप लगाते हुए उसकी आलोचना की थी।
जानकारों के मुताबिक आर्दोआन ने अमेरिका के विरोधी व्लादिमीर पुतिन से निकट संबंध बना कर अमेरिका को जवाब दिया है। इससे टर्की के अमेरिकी नेतृत्व वाले सैनिक गठबंधन नाटो से और दूर हो जाने की आशंका पैदा हो गई है। टर्की नाटो का सदस्य है। विश्लेषकों ने कहा है कि अगले महीने रोम में होने वाली जी-20 बैठक के दौरान बाइडन को आर्दोआन से मेलमिलाप करने का एक मौका मिलेगा। लेकिन वहां अगर वे कामयाब नहीं हुए, तो लंबे समय से सहयोगी रहे एक देश से अमेरिका के रिश्ते और बिगड़ सकते हैं।