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Friday, March 29, 2024

यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे के लिए रूस ने बुलाए खास मुस्लिम लड़ाके, जंग करने में माहिर

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रूस कीव पर कब्जे के लिए अब विदेशी लड़ाकों की भर्ती कर रहा है। मीडिया एजेंसी द कीव इंडिपेंडेंट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि रूस अब सीरियाई लड़ाको को अपनी सेना में शामिल कर रहा है और काफी संख्या में ये लड़ाके रूस पहुँच भी गए हैं। रूस से ट्रैनिंग लेने के बाद ये सभी कीव में जंग लड़ने के लिए जाएंगे कहा जा रहा है जिस तरह से रूस ने सीरिया की असद सरकार की गृह युद्ध में मदद की थी अब उसी मदद के बदले सीरिया ये मदद भेज रहा है।

इस बीच NATO ने भी यूक्रेन की मदद के लिए अपनी सैन्य सहायता के हिस्से के रूप में फाइटर जेट भेजने के लिए ग्रीन सिग्नल दे दिया है। इन घटनाओं से स्पष्ट है कि रूस-यूक्रेन के बीच की जंग अब खूनी दिशा में बढ़ रही है जिसकी आंच मिडिल ईस्ट तक पहुँच सकती है।

यूक्रेन की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीरियाई लड़ाके काफी संख्या में रूस पहुँच चुके हैं और कई और पहुँचने वाले हैं। ये रूस में ट्रैनिंग के बाद कीव की ओर बढ़ेंगे।

सीरियाई लड़ाकों को ही रूस ने क्यों चुना?

दरअसल, यूक्रेन में चल रहीं जंग में रूस अपनी 75 फीसदी सेना को युद्ध में झोंक चुका है ऐसे में उसका पक्ष कमजोर पड़ने लगा था। सीरियाई लड़ाके युद्ध करने में माहिर होते हैं खासकर शहरी इलाकों में जंग करने में माहिर हैं। इससे रूस के लिए यूक्रेन के शहरी इलाकों में अपनी पकड़ को मजबूत करना आसान होगा। रूसी अधिकारियों के अनुसार सीरिया में चले एक दसक तक के गृह युद्ध में इन लड़ाकों को लड़ने का अनुभव है और ये यूक्रेन पर कब्जा करने में मदद कर सकते हैं।

रूस इतने पैसे दे रहा सीरियाई लड़ाकों को

रूस इन लड़ाकों को 200-300 डॉलर अर्थात 15 से 23 हजार रुपये में हायर कर रहा है। ये लड़ाके 6 महीने के लिए यूक्रेन जाकर रूसी सैनिकों की मदद करेंगे। यही नहीं रूस उन लड़ाकों से भी मदद मांग रहा है जो लीबिया में युद्ध लड़ चुके हैं।

रूस के इस कदम से मिडिल ईस्ट में मच सकती है उथल पुथल

वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, Middle East एक्सपर्ट Charles Lister की मानें तो सीरिया से यूक्रेन में विदेशी लड़ाकों की रूस की तैनाती यूक्रेन युद्ध का अंतर्राष्ट्रीयकरण होगा। इससे ये जंग यूक्रेन की सीमा के बाहर तक फैल सकती है। खासकर मिडिल ईस्ट में उथल-पुथल मच सकती है। जिस तरह अजरबैजान और आर्मेनिया में देखने को मिला था। तुर्की-पाकिस्तान-सीरिया खुलकर अजरबैजान के समर्थन में आ गए थे, तो दूसरी तरफ आर्मेनिया को रूस और फ़्रांस का सपोर्ट मिला था। इस युद्ध में सीरियाई लड़ाके भी शामिल थे। ऐसे में यूक्रेन में विदेशी लड़ाकों के शामिल होने से NATO समेत मिडल ईस्ट के कई देश आमने सामने आ सकते हैं।

NATO यूक्रेन में भेजेगा फाइटर जेट

अमेरिका ने नाटो देशों को “ग्रीन सिग्नल” दे दिया है कि वो फाइटर जेट यूक्रेन में भेजेगा। , यदि वे यूक्रेन को लड़ाकू जेट प्रदान करना चुनते हैं, तो एक दिन बाद राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कांग्रेस के सदस्यों से शनिवार ज़ूम कॉल के दौरान उन्हें प्रदान करने का अनुरोध किया।

बता दें कि ये लड़ाके सीरिया के हैं जो वहाँ गृह युद्ध में बड़ी भूमिका निभाते आए हैं। रूस 2015 से सीरिया में काम कर रहा है। रूस ने सीरियाई सरकार को चल रहे गृहयुद्ध में विद्रोहियों के खिलाफ लड़ने में मदद की थी। सीरिया के राष्ट्रपति बशर-अल-असद और उनकी सरकार और सेना के खिलाफ तमाम विद्रोही गुटों के जब हथियार उठा लिए थे। उस समय अमेरिका इस गृह युद्ध में बशर-अल-असद की सरकार के खिलाफ थे जबकि रूस समर्थन में। रूस ने सैन्य मदद तक पहुंचाई थी। अब जब रूस को आवश्यकता पड़ी तो सीरिया की असद सरकार ने मदद के लिए अपने लड़ाके भेज दिए।

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Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network

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