पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अपनी सांसद महुआ मोइत्रा के काली देवी पर दिए गए बयान से पल्ला झाड़ लिया है। पार्टी ने कहा कि महुआ मोइत्रा ने काली देवी को लेकर जो भी बयान दिया है वह उनका निजी बयान है और पार्टी इसका समर्थन नहीं करती है। बता दें कि टोरंटो में रहने वाली फिल्मकार लीना मणिमेकलई ने शनिवार को ट्विटर पर अपनी शॉर्ट फिल्म ‘काली’ का पोस्टर शेयर किया था, जिसमें हिंदू देवी को धूम्रपान करते और हाथ में एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा थामे हुए दिखाया गया है। इसको लेकर विवाद बढ़ गया है।
तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को एक टीवी चैनल से बात करते हुए मां काली को मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी बताया था। उन्होंने कहा कि वह देवी काली को इसी रूप में देखती हैं। अब टीएमसी ने ट्वीट कर सफाई दी है। टीएमसी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2022 में महुआ मोइत्रा द्वारा की गई टिप्पणियां और देवी काली पर व्यक्त उनके विचार उनकी व्यक्तिगत क्षमता में किए गए हैं और पार्टी उनका किसी भी तरीके से समर्थन नहीं करती है। अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस इस तरह की टिप्पणियों की कड़ी निंदा करती है।”
भाजपा ने की कार्रवाई की मांग
मोइत्रा ने कहा था, “आप जिस तरह चाहें अपने भगवान की कल्पना कर सकते हैं। मेरे लिए मां काली मांस खाने वाली और शराब स्वीकार करने वाली देवी हैं। कई जगहों पर भगवान को विस्की चढ़ाई जाती है वहीं कई अन्य जगहों पर इसे ईशनिंदा भी माना जा सकता है।” महुआ मोइत्रा के इस बयान को लेकर भाजपा ने भी विरोध जताया है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी ने ममता से कार्रवाई की मांग की है। सुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि टीएमसी हमेशा हिन्दू देवी देवताओं का अपमान करती है।
‘काली’ के विवादास्पद पोस्टर के संबंध में फिल्म निर्माता पर मामला दर्ज
दिल्ली पुलिस ने फिल्मकार लीना मणिमेकलाई के खिलाफ उनके वृत्तचित्र ‘काली’ के विवादास्पद पोस्टर के संबंध में एक मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक वकील ने पुलिस के समक्ष दर्ज कराई गई शिकायत में आरोप लगाया था कि सोशल मीडिया पर एक पोस्टर का प्रचार हो रहा है जिसमें ‘‘देवी काली को सिगरेट पीते’’ हुए दिखाया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शिकायत और सोशल मीडिया पोस्ट की सामग्री के आधार पर प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता की धारा के तहत 153ए (धार्मिक, नस्ल आदि के आधार पर दो समूहों में द्वेष को बढ़ावा देना) और धारा 295ए (जानबूझकर धर्म या उसकी मान्यताओं का अपमान कर धार्मिक भावना भड़काना) के तहत मामला बनता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस की ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशन’ (आईएफएसओ) इकाई ने मणिमेकलाई के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारी के मुताबिक इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
भारतीय उच्चायोग ने कनाडाई अधिकारियों से आपत्तिजनक सामग्री हटाने की अपील की
ओटावा स्थित भारतीय उच्चायोग ने कनाडाई प्राधिकारियों से लघु फिल्म ‘काली’ से जुड़ी सभी आपत्तिजनक सामग्री हटाने की अपील की है। उच्चायोग ने कनाडा में मौजूद हिंदू समुदाय के नेताओं से वहां प्रदर्शित लघु फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी के ‘अपमानजनक चित्रण’ को लेकर शिकायतें मिलने के बाद यह कदम उठाया है।