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Friday, April 19, 2024

TMC-AAP ने बढ़ा दिया है गोवा का सियासी पारा, कांग्रेस और बीजेपी दोनों टेंशन में

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गोवा विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के चुनाव मैदान में उतरने से गहमागहमी बढ़ गई है। सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के साथ छोटे दलों की मौजूदगी राज्य में एक बार फिर त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बना सकते हैं।

हालांकि, इस राज्य में दलों और नेताओं की निष्ठाएं बदलती रहती हैं, जिससे इसका असर सरकारों पर भी व्यापक रूप से पड़ता है।

गोवा में बीते 2017 के विधानसभा चुनाव में भी त्रिशंकु विधानसभा उभरी थी। कांग्रेस को 40 सदस्यीय विधानसभा में सबसे ज्यादा 17 सीटें मिली थीं, लेकिन इसके बावजूद 13 सीटें जीतने वाली भाजपा ने गठबंधन सरकार का गठन किया था। इस बीच भाजपा के साथ गोवा के स्थानीय दल भी और उसने पूरे पांच साल सरकार चलाई। हालांकि, अब कई विधायक पाला भी बदल रहे हैं। वैसे भी विधानसभा चुनाव की घोषणा के समय आना-जाना लगा ही रहता है, लेकिन, छोटे राज्यों में इसका ज्यादा असर पड़ता है। हाल में गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी के विधायक जयंत सालगांवकर ने भाजपा का दामन थामा है।

तृणमूल कांग्रेस भी गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे लुइजेन्हो फेलेरो के नेतृत्व में उतर रही है। फलेरो ने हाल में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर टीएमसी का दामन थाम लिया था। वहीं, आम आदमी पार्टी यहां पर काफी दिनों से सक्रिय है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने राज्य के दौरे भी किए हैं। उन्होंने दिल्ली की तरह कई घोषणाएं भी की हैं।

भाजपा यहां पर मौजूदा चुनावी घमासान में सबसे मजबूत दिख रही है, लेकिन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता रहे मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद पार्टी में सर्वमान्य चेहरे की कमी है। हालांकि, युवा नेता और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत काफी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी सरकार भी विवादों में घिरी रही है। दूसरी तरफ कांग्रेस में भी नेतृत्व व समन्वय की कमी दिख रही है।

छोटा राज्य होने से गोवा में अस्थिरता ज्यादा रहती है, हालांकि बीते कुछ सालों में राज्य में क्षेत्रीय दलों का प्रभाव घटा है और राष्ट्रीय दलों कांग्रेस एवं भाजपा ज्यादा मजबूत हुई है। ऐसे में मुख्य चुनावी घमासान सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच होने की उम्मीद है, लेकिन दोनों ही दलों में कोई स्पष्ट बहुमत हासिल कर पाए इसे लेकर स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है। राज्य की 25 फीसद सीटें ऐसी हैं, जिन पर छोटे दल प्रभावी हैं।

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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