12.1 C
London
Friday, April 19, 2024

टिकैत ने दी 26 जनवरी दोहराने की धमकी, कहा- अपना दिमाग ठीक करले सरकार, चार लाख टैक्टर अभी भी है मौजूद

- Advertisement -spot_imgspot_img
- Advertisement -spot_imgspot_img

मुंबई, राज्‍य ब्‍यूरो/एजेंसियां। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को मांग की कि केंद्र सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए एक कानून लाए।

मुंबई में संयुक्त शेतकारी कामगार मोर्चा (Samyukta Shetkari Kamgar Morcha, SSKM) के बैनर तले आजाद मैदान में ‘किसान महापंचायत’ में टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब एमएसपी के समर्थक थे और किसानों के हितों की गारंटी सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी कानून चाहते थे। इसके साथ ही टिकैत ने 26 जनवरी दोहराने की धमकी दी।

# किसानों ने एक साल बहुत झेल लिया। सरकार MSP पर कानून बना दे नहीं तो हम वहीं के वहीं हैं। 26 जनवरी दूर नहीं है और देश के 4 लाख ट्रैक्टर भी यहीं हैं और देश का किसान भी यहीं है: राकेश टिकैत, BKU, महाराष्ट्र pic.twitter.com/qfdK4LX6XB

टिकैट केंद्र सरकार पर एमएसपी के मुद्दे पर बहस से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार को किसानों को एमएसपी की गारंटी देने के लिए एक कानून लाना चाहिए। कृषि और श्रम क्षेत्रों से जुड़े कई मुद्दे अभी अनछुए हैं जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। हम इन मुद्दों को उजागर करने के लिए पूरे देश में यात्राएं करेंगे। टिकैत ने कृषि कानूनों के विरोध में एक साल तक चले आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को वित्तीय सहायता दिए जाने की भी मांग की।

किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा। यह लंबा चलेगा। सरकार अभी बात करने की लाइन में नहीं आई है। इसमें अभी और कुर्बानियां होंगी। अब तक 700 लोगों की कुर्बानियां हो चुकी हैं। उन्होंने सरकार को धमकी देते हुए कहा कि आप हमारी मीटिंग रोकने की कोशिश करोगे तो हम भी आपकी मीटिंग रोकेंगे।

राकेश टिकैत के यही तेवर मंच के नीचे पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी नजर आए। तीनों कृषि कानूनों की समाप्ति के बाद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार अपना दिमाग ठीक कर ले, नहीं तो 26 जनवरी दूर नहीं है। चार लाख ट्रैक्टर तैयार हैं, और देश का किसान भी यहीं है।

बता दें कि इसी वर्ष 26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के बाद किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकाली थी। इसके दौरान प्रदर्शनकारियों की आड़ लेकर बड़ी संख्या में उपद्रवी लाल किले में घुस गए थे। उनके द्वारा लाल किले पर फहरा रहे तिरंगे के अपमान किया गया था, और दिल्ली की सड़कों पर मनमाने तरीके से ट्रैक्टर दौड़ाए गए थे। इस हिंसा में ट्रैक्टर पलटने से एक व्यक्ति की जान भी गई थी।

इससे पहले अपनी भारी रणनीति के बारे में बताते हुए राकेश टिकैत ने शनिवार को कहा था कि 29 तारीख के प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) को हमने स्थगित कर दिया है। आगामी तारीख को संयुक्त किसान मोर्चा की फिर से बैठक होगी और उसमें हम आगे का कार्यक्रम तय करेंगे। सरकार ने अभी तक किसानों की मौत, लखीमपुर खीरी की घटना, MSP के मुद्दे और हम पर हुए मुकदमें पर कोई जवाब नहीं दिया है। हमारी प्राथमिकता है कि MSP पर कानून बने इसलिए हम सरकार से कहना चाहते हैं कि वह हमें MSP पर कानून बनाकर दें।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राजवीर सिंह ने कहा था कि संसद कूच करने का कार्यक्रम स्थगित हुआ है खत्म नहीं हुआ है। हम इस पर चार तारीख को फैसला लेंगे। सरकार को किसानों के सारे मुद्दों पर संयुक्त किसान मोर्चा से बात करना होगा और बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के हमारा मोर्चा वापस नहीं होगा। हम सरकार की घोषणाओं से सहमत नहीं हैं।

दरअसल केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा था कि तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद मैं समझता हूं कि अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है, इसलिए मैं किसानों और किसान संगठनों से निवेदन करता हूं कि वे अपना आंदोलन समाप्त कर, अपने-अपने घर लौटें। उन्‍होंने एलान किया कि किसान संगठनों ने पराली जलाने पर किसानों को दंडनीय अपराध से मुक्त किए जाने की मांग की थी। सरकार ने यह मांग को भी मान लिया है।

- Advertisement -spot_imgspot_img
Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

Latest news

- Advertisement -spot_img

Related news

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here