ज्ञानवापी मस्जिद विवाद कोर्ट में पहुंच चुका है। वाराणसी कोर्ट में इसकी सुनवाई भी चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी कोर्ट को 8 हफ्ते के अंदर सुनवाई खत्म कर फैसला देने का निर्देश दिया है। ज्ञानवापी मुद्दे के बाद देश में अन्य मस्जिदों को लेकर भी आवाजें उठने शुरू हो गई है।टीवी चैनलों पर लगातार इन्हीं मुद्दों को लेकर बहस भी चल रही है।
इसी क्रम में समाचार चैनल आजतक पर एक बहस चल रही थी, जिसमें वकील असगर खान और याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्य भी मौजूद थे। बहस के दौरान सोहनलाल आर्य ने दावा किया, “जब सर्वे हुआ था उस वक्त शिवलिंग में 6 इंच का छेद था। लेकिन आज ये छेद 63 सेंटीमीटर का हो गया है। निश्चित तौर पर इसमें षड्यंत्र की बू आ रही है और इसकी जांच होनी चाहिए। एक नहीं उसमें ऐसे हजारों प्रमाण हैं, जो उसे मंदिर साबित करते हैं और वह मंदिर ही है।”
वहीं सोहनलाल आर्य के दावों पर वकील असगर खान ने कहा, “जब यह लोग फाउंटेन को शिवलिंग कहते हैं तो यह शिवलिंग का अपमान होता है। अगर कल को कोर्ट कह दे कि वह शिवलिंग नहीं, बल्कि फाउंटेन है, तो यह लोग क्या करेंगे? आप लोग मुगलों को इसलिए निशाना बनाते हैं क्योंकि उनके नाम के आगे मुसलमान लगा हुआ है। आपने अंग्रेजों का फेवर किया और आप गोडसे की औलाद हैं।”
बहस में प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर भी मौजूद थे और उन्होंने कहा, “हमारा धर्म सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरामया कहता है और सबको सुखी रखने की बात करता है। हम लोग सिर्फ यही कहना चाहते हैं कि आपने हमारे 45,000 मंदिरों को तोड़ा है। आप हमें काशी दे दो, मथुरा दे दो, अयोध्या हम कोर्ट के माध्यम से पहले ही ले चुके हैं। हम आपको आगे के लिए क्षमा कर देंगे।”
वहीं बहस के दौरान हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने दावा किया,”ताज महल राजा परमाणी देव ने सन 1156 में बनवाया था और उसको शाहजहां ने लिया था। इसको लेकर आगरा की अदालत में मेरी सूट पड़ी हुई है और वहां से जवाब भी आ चुका है।”
You must log in to post a comment.