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Tuesday, June 6, 2023
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SC की दो टूक नहीं बदले जाएंगे सड़क और शहरों के नाम, याचिका खारिज, अतीत के कैदी बनकर नहीं रह सकते: SC की टिप्पणी

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देश में एक हजार से ज्यादा जगहों के नाम बदलने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अहम टिप्पणी की है. शीर्ष अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह तो भारतीय इतिहास है.

आप इसे अपने हिसाब से नहीं बदल सकते. भारत में आज भी लोकतंत्र कायम है. आप भूतकाल के लिए वर्तमान को बदलने की मांग कर रहे हैं. देश में पहले ही बहुत से मुद्दे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है.

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बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने जनहित याचिका में विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा बदले गए 1000 स्थानों की पहचान करके नाम बदलने के लिए गृह मंत्रालय को आयोग बनाने का निर्देश देने की मांग याचिका में की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपनी याचिका देखें. मुस्लिम नाम पर हजारों सड़कें हैं. हम आपकी याचिका से चिंतित हैं. यह इतिहास के बारे में है. अपनी दलील में उपाध्याय ने कहा कि यह मामला मूल नामों को बहाल करने के अधिकार से जुड़ा है. कृपया मुझे अतिरिक्त हलफनामा दायर करने दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत याचिका है? आपके किस मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है?

रामायण युग में बदले नामों का दिया उदाहरण

उपाध्याय ने कहा कि गरिमा, संस्कृति, धर्म का अधिकार, जानने का अधिकार. यह नामों की बहाली से जुड़ा है. संबंधित मामला तीन जजों के पास भेजा गया है. कृपया देखें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक पूरी तरह से अलग मुद्दा है. सड़कों के नाम का धार्मिक पूजा स्थलों से कोई लेना-देना नहीं है. उपाध्याय ने रामायण युग के बदले हुए नामों का उदाहरण दिया.

इतिहास को नहीं बदल सकते

जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि यह इतिहास का एक तथ्य है, क्या आप इसे खारिज कर सकते हैं? हम पर विदेशी आक्रमणकारियों का शासन रहा है. हम पर कई बार आक्रमण हुए हैं और इतिहास ने अपना हिस्सा लिया है. आप क्या हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं? क्या हमने अपने देश की अन्य समस्याओं के बारे में नहीं सुना? क्या हमें पीछे की बजाय आगे नहीं बढ़ना चाहिए? ऐतिहासिक तथ्य आप कैसे याचिका दायर कर सकते हैं?

गृह मंत्रालय पर बढ़ेगा दबाव

याचिकाकर्ता ने कहा कि शहरों के नाम उन लोगों के होने चाहिए, जिन्होंने लूट कर बर्बाद कर दिया. इनके कारण हमारी माताओं ने आत्महत्या की. जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हमारे देश में देखने के लिए बहुत सारी जगहें हैं. आप जानते हैं क्या प्रभाव होगा ऐसी याचिका का? गृह मंत्रालय पर कितना दबाव पड़ेगा? जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि तार्किक निहितार्थों को देखें. डाक विभाग और सभी को बदलाव करना होगा. आप अतीत को चुनिंदा रूप से देख रहे हैं. भारत आज एक धर्मनिरपेक्ष देश है. आपका मुद्दा एक विशेष समुदाय पर उठाया जा रहा है, जिसे बर्बर कहा जाता है. क्या आप देश को उबाल में रखना चाहते हैं और आप एक धर्मनिरपेक्ष मंच का निर्देशन करते हैं? उपाध्याय ने दिल्ली में सड़कों आदि के नाम का उदाहरण दिया, जो कृष्ण को प्रतिबिंबित नहीं करते हैं. उपाध्याय ने कहा कि मैं याचिका वापस ले लूंगा या मुझे योग्यता के आधार पर बहस करने दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आपको पीछे हटने नहीं देंगे. हम याचिका खारिज करते हुए आदेश देंगे.

By Ahsan Ali

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.
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