अफगानिस्तान में तालिबान तेजी से अपने पैर पसार रहा है। चरमपंथी संगठन ने हेरात और कंधार सहित प्रमुख शहरों पर नियंत्रण कर लिया है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को निजी समाचार चैनल एनडीटीवी को बताया कि हाल ही में हुई फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की गोलीबारी में मौत पत्रकार द्वारा तालिबान के साथ समन्वय नहीं करने के वजह से हुई थी। एक इंटरव्यू में, दोहा, कतर में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रवक्ता मुहम्मद सोहेल शाहीन ने कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान के “90 प्रतिशत” हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है।
तालिबान लड़ाकों द्वारा मारे गए पुल्तिजर पुरस्कार विजेता फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी के बारे में पूछे जाने पर, प्रवक्ता ने जवाब दिया: “आप यह नहीं कह सकते कि वह हमारे लड़ाकों द्वारा मारा गया था। पूछें कि उसने हमारे साथ समन्वय क्यों नहीं किया। हमने पत्रकारों से एक बार नहीं बल्कि कई बार कहा है कि जब वे हमारे यहां आएंगे तो कृपया हमारे साथ समन्वय करें और हम उनको सुरक्षा मुहैया कराएंगे।”
प्रवक्ता ने कहा: “लेकिन दानिश सिद्दीकी काबुल के सुरक्षा बलों के साथ जुड़ा हुआ था। कोई अंतर नहीं है चाहे वे सुरक्षाकर्मी हों या काबुल के सैनिक या उनमें से एक पत्रकार। दानिश सिद्दीकी क्रॉस-फायरिंग में मारा गया था, इसलिए यह ज्ञात नहीं है किसकी फायरिंग ने उसे मार डाला।”
जहां मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि दानिश सिद्दीकी को पकड़ लिया गया और उसे तालिबान द्वारा मार दिया गया और उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया। वहीं, तालिबान के प्रवक्ता ने इससे इनकार किया। उन्होंने कहा, “हमने आरोप को खारिज किया है। यह हमारी नीति नहीं है। यह संभव है कि सुरक्षा बलों ने हमें बदनाम करने के लिए ऐसा किया हो। शवों को क्षत-विक्षत करना इस्लाम के नियमों के खिलाफ है।”
प्रवक्ता से जब पूछा गया कि क्या पत्रकार तालिबान से संपर्क कर सकते हैं और उन्हें जमीन से रिपोर्ट करने की अनुमति दी जा सकती है। शाहीन ने कहा, “दुनिया भर के पत्रकार, अगर वे हमारे क्षेत्रों में आना चाहते हैं और रिपोर्ट दर्ज करना चाहते हैं, तो वे आ सकते हैं … वे जमीनी हकीकत को अपनी आंखों से देखने के लिए हमारे इलाकों का दौरा कर सकते हैं।”