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Thursday, April 25, 2024

तालिबान का सफाया करने का ऐलान करने वाले पूर्व राष्ट्रपति के बेटे को तालिबान ने बनाया कैदी

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काबुल. अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) अपना दबदबा बढ़ता जा रहा है अब वह अमेरिका की मदद करने वाले राजनेताओं के परिवार को भी निशाना बना रहा है. न्यूज़ यूनिक की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के पूर्व उप-राष्ट्रपति अब्दुल राशिद दोस्तम ( Abdul Rashid Dostum) के बेटे को जवज्जान एयरपोर्ट से अगवा कर लिया है. राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) ने एक दिन पहले बुधवार को ही अब्दुल राशिद दोस्तम से मुलाकात की थी.

दोस्तम उत्तरी अफगानिस्तान के बड़े नेता हैं. उन्होंने 90 के दशक में अफगानिस्तान में नॉर्दर्न अलायंस खड़ा किया था. जानकारी के मुताबिक, तालिबानी लड़ाकों ने उनके बेटे के साथ कुछ अफगानी सैनिकों को भी अगवा किया है. हालांकि, तालिबान या अफगानिस्तान सरकार की तरफ से अभी तक इस घटना की पुष्टि नहीं की गई है.

वॉरलॉर्ड कहे जाते हैं दोस्तम
अब्दुल राशिद दोस्तम 2014 में अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति बने और 6 साल से ज्यादा समय तक इस पद पर रहे. दोस्तम को वॉरलॉर्ड भी कहा जाता है. वॉरलॉर्ड वो होते हैं, जिन्होंने अमेरिका की मदद से खुद को तैयार किया और तालिबान के खिलाफ जंग को जारी रखा. वॉरलॉर्ड दोस्तम पर अफगानिस्तान में वॉर क्राइम करने के आरोप भी लगे हैं. माना जाता है कि 9/11 के हमले के बाद अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को गिराने में दोस्तम अमेरिकी सेना के लिए मददगार साबित हुए थे.

दोस्तम कई महीनों से तुर्की में अपना इलाज करा रहे थे. अफगानिस्तान के उत्तरी इलाकों में तालिबान की बढ़ती पैठ के मद्देनजर हाल ही में वो काबुल लौटे हैं.

‘तालिबान का सफाया कर दिया जाएगा’
दोस्तम ने बुधवार को राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात के बाद कहा कि देश के उत्तरी हिस्सों से तालिबान का सफाया कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि तालिबान के पास बचने का कोई रास्ता नहीं है. दोस्तम की मिलिशिया ग्रुप अफगान सेना के साथ मिलकर तालिबान के खिलाफ युद्ध लड़ रही है. इससे पहले भी 1990 और 2001 के दौरान दोस्तम ने बल्ख प्रांत से तालिबान का सफाया कर दिया था.

मजार-ए-शरीफ पर मिलिशिया ने की मजबूत मोर्चाबंदी
10 शहरों पर कब्जे के बाद तालिबान का अगला टारगेट अफगानिस्तान का चौथा बड़ा शहर मज़ार-ए-शरीफ है. मार्शल अब्दुल राशिद दोस्तम मंगलवार रात को मजार-ए-शरीफ पहुंचे. यहां पहुंचते ही दोस्तम की मिलिशिया ने सेना के साथ शहर के कई इलाकों में मजबूत मोर्चाबंदी कर दी है. एक दिन पहले ही सरकार ने बताया था कि अफगान सेना ने तालिबान के हमलों को नाकाम कर दिया है.

बता दें कि तालिबान हफ्तेभर में 10 प्रोविंस की राजधानी पर कब्जा कर लिया है. इनके नाम जरांज, फराह, सर-ए-पुल, शबरघान, अयबाक, कुंदूज, फैजाबाद, पुल-ए-खुमरी और तालोकान हैं. इन शहरों के नाम इनके प्रोविंस के नाम पर ही हैं. उत्तर में कुंदुज, सर-ए-पोल और तालोकान से लेकर दक्षिण में ईरान की सीमा से लगे निमरोज प्रोविंस की राजधानी जरांज तक तालिबान का कब्जा है. वहीं, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सीमा से लगे नोवज्जान प्रोविंस की राजधानी शबरघान से भी तालिबान ने कब्जा जमा लिया है. वहीं, गुरुवार को तालिबान ने काबुल से 150 किलोमीटर दूर गज़नी शहर पर भी कब्जा कर लिया.

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Jamil Khan
Jamil Khan
जमील ख़ान एक स्वतंत्र पत्रकार है जो ज़्यादातर मुस्लिम मुद्दों पर अपने लेख प्रकाशित करते है. मुख्य धारा की मीडिया में चलाये जा रहे मुस्लिम विरोधी मानसिकता को जवाब देने के लिए उन्होंने 2017 में रिपोर्टलूक न्यूज़ कंपनी की स्थापना कि थी। नीचे दिये गये सोशल मीडिया आइकॉन पर क्लिक कर आप उन्हें फॉलो कर सकते है और संपर्क साध सकते है

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