उडुपी, 18 मार्च: तटीय राज्य कर्नाटक में हिजाब विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इन दिनों उडुपी की 17 वर्षीय आलिया असदी का नाम भी काफी चर्चा में है। वो अभी बीजेपी नेताओं के निशाने पर हैं, उन पर कट्टरपंथियों के हमदर्द होने का आरोप लग रहा है। हालांकि आलिया कराटे चैंपियन हैं और उन्होंने राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक भी जीता है।
इन सब विवाद के बीच आलिया के पिता अयूब असदी भी बेटी के साथ खड़े नजर आए। उनका कहना है कि परिवार ने शुरुआत से हिजाब के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया लेकिन उनकी महत्वाकांक्षाओं पर कोई अंकुश नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि हिजाब की जरूरत है। मेरी बेटी बचपन से ही हिजाब पहनती रही है। कराटे प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के दौरान भी उसने हिजाब पहना था।
वहीं आलिया ने कहा कि उन्हें जिदाही बनने को कोई इच्छा नहीं थी। शुरु में उनके माता-पिता ने सरकारी कॉलेज के प्रशासन से बात की थी, लेकिन उन्होंने उनकी बात नहीं समझी, जिस वजह से वो हिजाब पहनकर क्लास में गईं। उन्होंने आगे कहा कि हमने पहले कॉलेज में हिजाब नहीं पहना था, उसकी बजाए हमारे माता-पिता कॉलेज बात करने गए थे, लेकिन प्राचार्य नहीं माने। इसी वजह से उन्होंने मजबूरी में ये कदम उठाया, लेकिन उनको कॉलेज में अंदर जाने को नहीं मिला।
वहीं दूसरी ओर बीजेपी ओबीसी मोर्चा के महासचिव और उडुपी कॉलेज विकास समिति के उपाध्यक्ष यशपाल सुवर्णा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि शिक्षा संस्थानों में हिजाब प्रतिबंध के खिलाफ कर्नाटक उच्च न्यायालय में जाने वाली लड़कियों में से एक आतंकवादी संगठन की सदस्य है। लड़कियां ये तो कह रहीं कि वो अदालत के फैसले का सम्मान करेंगी, लेकिन उन्होंने ऐसे बयान दिए हैं, जिससे न्यायपालिका को बदनाम किया गया।
दूसरे कॉलेज में दिलाएंगे दाखिला
वहीं छात्रा के पिता ने कहा कि मैं अगली कार्रवाई के बारे में निश्चित नहीं हूं। मैंने इस पर विचार नहीं किया है। मैं मुस्लिम संगठनों से परामर्श करूंगा और उसके अनुसार निर्णय लूंगा। मैं उसे दूसरे कॉलेज में प्रवेश दिलाऊंगा, जहां हिजाब की अनुमति है।
नहीं हुआ सही व्यवहार
आलिया के मुताबिक उनको निशाना बनाया जा रहा है और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया गया। वो हाईकोर्ट के फैसले से निराश हैं और अब उनकी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं। अगर वहां पर भी ये फैसला बरकरार रखा गया, तो उनके पास पढ़ाई छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रहेगा।