समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से विधायक आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार (19-8-2022) को एक मामले में अंतरिम जमानत मिल गई है। जानकारी के अनुसार, उन्हें यह जमानत उत्तर प्रदेश के रामपुर के कोतवाली पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में दी गई है। आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से 88 मामलों में पहले ही ज़मानत मिल चुकी है, आज 89 वें मामले में भी आज़म खान को अंतरिम जमानत दी। सपा नेता आजम खान पिछले 2 सालों से अलग-अलग मामलों में उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर जेल में बंद है।
सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की याचिका पर सुनवाई करते हुआ कि आजम खान की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट तय करेगा और इसके लिए उन्होंने कोर्ट के समझ दो हफ्तों के अंदर अर्जी दाखिल करनी होगी। तब तक यह अंतरिम जमानत का आदेश लागू रहेगा। हालांकि वे जेल से कब बाहर आएगे यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया।
यूपी सरकार ने किया विरोध: मंगलवार (17-5-2022) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसीटर जनरल राजू ने यह कहते हुए आजम खान की जमानत का विरोध किया था कि उनसे पूछताछ करने गए एक अधिकारी को उन्होंने धमकी दी थी। अगर वह सत्ता में आते हैं तो उस एसडीएम को देख लेंगे, जिसने मेरे खिलाफ मुकदमे लिखे हैं। इसके साथ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आजम खान को एक आदतन अपराधी और भूमाफिया भी कहा गया था।
समर्थकों में खुशी की लहर: सपा नेता को अंतरिम जमानत मिलने के बाद उनके समर्थकों में जश्न का माहौल है। आजम खाने के बेटे और सपा विधायक अब्दुल्ला आजम ने इस फैसले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि “सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद”।
सुप्रीमकोर्ट ने जताई थी नाराजगी: इससे पहले आजम खान की जमानत पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह कुछ अजीब का संयोग है कि एक मामला खत्म नहीं होता है और दूसरा मामला शुरू हो जाता है। साथ ही कहा था कि अगर हाईकोर्ट फैसला नहीं दे पा रहा तो हम दे देते हैं, जिसके बाद सुप्रीमकोर्ट ने अनुच्छेद 142 के तहत की दी गई शक्ति का प्रयोग कर उन्हें जमानत दे दी।