मुंबई। नारायण राणे (Narayan Rane) ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) पर आपत्तिजनक बयान दिया था। मुख्यमंत्री ठाकरे के स्वतंत्रता दिवस के भाषण का जिक्र करते हुए राणे ने कहा था कि मुख्यमंत्री को याद नहीं था कि देश की आजादी के कितने साल हो गए। वे पीछे मुड़कर पूछ रहे थे। मैं वहां मौजूद होता तो उनके कान के नीचे थप्पड़ लगाता। नारायण राणे के बयान के बाद महाराष्ट्र में सियासी हलचल मच गई है। केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को पुलिस ने मंगलवार को चिपलून में हिरासत में ले लिया। नारायण राणे से जुड़े घटनाक्रम का हर ताजा अपडेट-
राणे की जान पर खतरा : महाराष्ट्र के एक भाजपा विधायक ने मंगलवार को दावा किया कि पुलिस हिरासत में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की जान पर खतरा है। उधर राज्य के मंत्री एवं शिवसेना नेता गुलाबराव पाटिल ने कहा कि राणे को ‘बिजली के झटके’ की जरूरत है क्योंकि वह अपना मानसिक ‘संतुलन गंवा बैठे हैं।’ विधानपरिषद के भाजपा सदस्य प्रसाद लाड ने तटीय रत्नागिरि जिले के संगमेश्वर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्रीय मंत्री के साथ पुलिस ने बुरा बर्ताव किया। राणे को गिरफ्तार करके संगमेश्वर थाने ले जाया गया। उन्हें उनके इस बयान को लेकर गिरफ्तार किया गया है कि अगर वह होते तो ‘भारत की आजादी का वर्ष भूल जाने’ पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ जड़ दिये होते ।
लाड ने आरोप लगाया कि राणे जब भोजन कर रहे थे तब पुलिस ने उन्हें धक्का मारा। वह करीब 70 साल के हैं। क्या इतनी उम्र के व्यक्ति के साथ ऐसा बर्ताव किया जाना चाहिए? हमें लगता है कि उनकी जान को खतरा है।’ भाजपा विधायक ने दावा किया कि राणे का जिस डॉक्टर ने चेक-अप किया, उसने कहा कि वह मधुमेह रोगी हैं, लेकिन वह उनका शर्करा स्तर चेक नहीं कर पाया। उनका रक्तचाप भी बढ़ गया है। फिलहाल यह 160/110 है। डॉक्टर ने यह भी कहा कि उसने उनका ईसीजी लिया और इस बात पर गौर करते हुए कि वह मधुमेह रोगी है, उनके शर्करा (स्तर) की जांच की जरुरत है, और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाना चाहिए।
लाड ने यह आशंका प्रकट की कि पुलिस शायद छह बजे तक राण को मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं करेगी ताकि उन्हें दिन में जमानत न मिले। उन्होंने दावा किया कि पुलिस रात में उन्हें परेशान कर सकती है। नासिक पुलिस ने जिस टीम को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए भेजा है, वह अबतक वहां नहीं पहुंची है। उधर, मुंबई में पाटिल ने कहा कि राणे ‘‘अपना मानसिक संतुलन गंवा चुके हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उन्हें ठाणे भेजा जाना चाहिए और सही करने के लिए बिजली का झटका दिया जाना चाहिए।’’ शिवसेना नेता का इशारा वहां के सरकारी मानसिक रोग अस्पताल की ओर था। महाराष्ट्र के मंत्री ने कहा कि राणे के विरुद्ध कार्रवाई उपयुक्त है क्योंकि इससे उन सभी को एक कड़ा संदेश मिलेगा जो संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों के विरूद्ध असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं। जान पड़ता है कि राणे यह भूल गये कि वह कभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। पाटिल ने दावा किया कि भाजपा में राणे का जाना देवेंद्र फड़णवीस, प्रवीण डारेकर और चंद्रकांत पाटिल समेत उस पार्टी के नेताओं के लिए ‘बड़ा खतरा’ है।