रांची. कहते हैं प्रतिभा किसी उम्र की मोहताज नहीं होती. भारत युवाओं का देश है और युवा वर्ग में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. जरूरत है तो बस उसे सही दिशा देने की. और इसी कथन को सही कर दिखाया है रांची के 12वीं कक्षा में पढ़ने वाले हमजा ने. मात्र 17 साल की उम्र में गुरुनानक स्कूल में पढ़ रहे हमज़ा ने कमाल का रोबोट बनाया है. रोबोट की खासियत ये है कि ये गेंद, गिलास भी उठा कर लाता है. लोगों से बात भी कर सकता है. रंग भी पहचान सकता है. दो लोगों के बीच की दूरी भी बता सकता है.
मात्र 6 महीने में हमजा ने इस रोबोट की डिजाइन, प्लानिंग, प्रोग्रामिंग की और रोबोट तैयार किया है. रोबोट बैटरी से संचालित होता है और इसे स्मार्टफोन से नियंत्रित किया जा सकता है.
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हमजा ने बताया कि वह बचपन से ही खिलौनों को तोड़ कर डिवाइस बनाने की कोशिश करता था. उसके इस रुझान को देखकर घरवालों ने रोबोटिक्स ट्रेनिंग के लिए भी भेजा. उन्होंने हरमू स्तिथ एक्रोबैटिक क्लास में ट्रेनिंग लिया है. कोरोना काल में यह बंद हो गया. जिसके बाद इंटरनेट की मदद से हमजा ने रोबोट बनाना सीखा.
हमजा का कहना है कि इन्हीं कोशिशों की वजह से आज वो एक रोबोट बनाने में सफल रहा. देश की सीमा की सुरक्षा के लिहाज से भी ये बहुत लाभकारी रहेगा. यदि कोई घुसपैठिया हमारे देश की सीमा में प्रवेश करना चाहे तो ये रोबोट उसकी दूरी भी बता सकता है.
हमजा के पिता का कहना है कि बच्चों की रुचि को दबाएं नहीं, बल्कि उन्हें और प्रोत्साहित करें. उन्हें सही प्रशिक्षण दिलाएं. बच्चों को उनके इंटरेस्ट के हिसाब से डेवलप करें. साथ ही उन्होंने सरकार से मदद की गुहार लगाई है और कहा है कि यदि सरकार की तरफ से हमजा को मदद मिलती है तो वो आगे देश की सुरक्षा के लिए अच्छा कर सकता है.
हमजा ने बड़े काम का रोबोट बनाकर अपनी प्रतिभा को स्थापित किया है. इससे स्कूल का गौरव बढ़ा है. इससे अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी. हमजा रहमान दिल्ली पब्लिक स्कूल से मैट्रिक करने के बाद गुरु नानक पब्लिक हाईस्कूल से 12वीं की पढ़ाई कर रहा है. अभी महज सिर्फ उसकी उम्र 17 साल है. उम्र छोटी है लेकिन कारनामे बड़े कर दिखाया है.