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Thursday, April 25, 2024

मुस्लिम बहुल इलाकों में जन्म दर को नियंत्रित करेगी ‘जनसंख्या सेना’, असम के सीएम ने बताई योजना

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दिसपुर. मुस्लिम बहुल इलाकों (Muslim-dominated areas) में जनसंख्या को नियंत्रित करने और जागरूकता फैलाने के लिए असम सरकार ‘जनसंख्या सेना’ या पॉप्युलेशन आर्मी बनाने की तैयारी में है. इस बात की जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री हिंमंत बिस्वा शर्मा ने सोमवार को विधानसभा (Himanta Biswa Sarma) में दी. उन्होंने बताया कि एक हजार युवाओं की सेना क्षेत्रों में पहुंचकर गर्भनिरोधक का वितरण करेगी. शर्मा के जनसंख्या नियंत्रित करने के कई प्रस्ताव लोगों की नाराजगी का सामना कर चुके हैं.

एनडीटीवी के अनुसार, शर्मा ने सभा को बताया कि राज्य के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में आबादी बढ़ रही है. उन्होंने कहा, ‘जनसंख्या नियंत्रण के उपायों के बारे में जागरूकता पहुंचाने और गर्भनिरोधक वितरित करने में चार चपोरी के करीब 1000 युवा शामिल होंगे. हम आशा कार्यकर्ताओं का एक अलग बल बनाने की तैयारी कर रहे हैं, जिन्हें जन्म नियंत्रण और गर्भनिरोधक वितरण का काम दिया जाएगा.’

उन्होंने कहा, ‘2001 से लेकर 2011 तक असम में हिंदुओं की जनसंख्या वृद्धि 10 फीसदी थी, तो मुसलमानों के मामले में यह 29 प्रतिशत थी.’ उन्होंने कहा, ‘कम आबादी के कारण बड़े घरों, वाहनों के चलते असम में हिंदुओं की जीवनशैली बेहतर हुई है. बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बन रहे हैं.’ रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक यह साफ नहीं है कि उन्होंने यह आंकड़े किस आधार पर दिए हैं. सीएम के मुताबिक, वे राज्य में बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने के उपायों के प्रचार के लिए काफी मेहनत कर रहे हैं.

सीएम की तरफ से बताए गए इन उपायों में इच्छा से नसबंदी और राज्य की जनकल्याण योजनाओं का लाभ लेने की तैयारी कर रहे जोड़ों के बीच दो बच्चों की सीमा लागू करना शामिल है. उन्होंने कहा, ‘ज्यादा आबादी के कारण जिन संघर्षों का सामना पश्चिमी और मध्य असम के लोग कर रहे हैं, वह ऊपरी असम के लोग नहीं समझ पाएंगे.’ साथ ही उन्होंने ज्यादा आबादी वाले इन इलाकों में लोगों को शिक्षित करने की बात कही है.

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Jamil Khan
Jamil Khan
जमील ख़ान एक स्वतंत्र पत्रकार है जो ज़्यादातर मुस्लिम मुद्दों पर अपने लेख प्रकाशित करते है. मुख्य धारा की मीडिया में चलाये जा रहे मुस्लिम विरोधी मानसिकता को जवाब देने के लिए उन्होंने 2017 में रिपोर्टलूक न्यूज़ कंपनी की स्थापना कि थी। नीचे दिये गये सोशल मीडिया आइकॉन पर क्लिक कर आप उन्हें फॉलो कर सकते है और संपर्क साध सकते है

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