उन्नाव: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (OP Rajbhar) ने हाल में ही पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बनारस दौरे पर गाय को माता कहने वाले बयान पर तंज कसा था.
पीएम ने कहा था कि गाय हमारी माता है, तो सांड़ क्या है? सांड़ तो किसानों का धन दोगुना करते हैं, इस पर प्रधानमंत्री क्यों नहीं बोलते? सड़क पर 70 फीसदी एक्सीडेंट भी सांड की वजह से होते हैं. ओपी राजभर के इस बयान पर अब उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज (BJP MP Sakshi Maharaj) ने हमला बोला है. उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता थीं, हैं और हमेशा रहेंगी.
“ओपी राजभर जिसे गाली देते थे, आज उसी सपा के साथ खड़े हैं”
सांसद साक्षी महाराज ने ओपी राजभर पर निशाना साधते हुए कहा, “कल तक ये बात ओम प्रकाश राजभर भी कहते थे लेकिन आज उन्होंने धर्म बदल लिया है. जिसे पानी पी-पी कर गाली देते थे. आज उसी सपा के साथ खड़े है. ओमप्रकाश राजभर को अपना पहले का इतिहास और आज का इतिहास देखना चाहिए.”
उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि एक जाति विशेष के लोग जबतक देश के संसाधनों का उपयोग करते हैं. चाहे उपराष्ट्रपति हो, राज्यपाल कुरैशी हों लेकिन जैसे ही वो अपने पद से सेवानिवृत्त होते हैं तो उन्हें हिंदुस्तान में डर लगने लगता है. वह सभी राष्ट्र विरोधी बातें करने लगते हैं, ऐसे लोगों को पहचानना चाहिए और जनता को समय पर ऐसे लोगों को जवाब देना चाहिए.
सपा प्रवक्ता पर भी साधा निशानाइस दौरान उन्होंने सपा प्रवक्ता मनोज सिंह पर भी निशाना साधा. साक्षी महाराज ने सपा प्रवक्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि संत की कोई जाति नही होती है. जब कोई साधु हो जाता है तो उसका गोत्र अच्युत हो जाता है और वो सबका हो जाता है, इसलिए जो लोग जाति की राजनीति करते रहे हैं, वही इस प्रकार के अनर्गल आरोप लगा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि मैं योगी जी का सम्मान करता हूं और उस व्यक्ति से मैं कहना चाहूंगा कि वो समझने की कोशिश करे. बता दें कि सपा प्रवक्ता ने सीएम पर जाति की राजनीति करने के आरोप लगाया था.”ओवैसी को ठीक करने के लिए हैदराबाद का टी. राजा ही पर्याप्त”वहीं, ओवैसी के चुनाव के बाद पीएम मोदी के गुफा में चले जाने वाले एक बयान को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि ओवैसी कहां जाएंगे ये चिंता करें. ओवैसी को ठीक करने के लिए हमारा हैदराबाद का टी. राजा ही पर्याप्त है. हिम्मत हो तो ओवैसी उसी से पहले बात कर लें. योगी और मोदी तक तो बाद में आएं.