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Wednesday, April 24, 2024

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने लव जिहाद शब्द पर जताई आपत्ति – कहा आपसी सहमति से अंतरधार्मिक विवाह पर रोक नहीं

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नई दिल्ली, : अंतरधार्मिक विवाह के कुछ मामलों में लव जिहाद शब्द के इस्तेमाल पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने आपत्ति जताई है। उसने कहा है कि विवाह की कानूनी उम्र हासिल करने के बाद सहमति से दो अलग-अलग धर्मों के लोग वैवाहिक बंधन में बंध सकते हैं।

खास समुदाय द्वारा लव जिहाद पर कोई शिकायत नहीं

आयोग के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि आयोग को कुछ शिकायतें मिली हैं, जिनमें माता-पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी संतान को अंतरधार्मिक शादी के लिए गुमराह किया गया था। इनमें से कई शिकायतें बाद में सही पाई गई थीं। केरल सहित देश के अन्य भागों में लव जिहाद के विरुद्ध भाजपा के अभियान पर उन्होंने कहा कि लव जिहाद क्या है, मुझे किसी भी शब्दकोष में यह शब्द नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मैंने किसी खास समुदाय द्वारा लव जिहाद पर कोई शिकायत नहीं देखी है।

समान नागरिक संहिता पर टिप्पणी से इन्कार

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं भाजपा का प्रतिनिधि या प्रवक्ता नहीं हूं। वे लोग ही इसके बारे में बता सकते हैं। हर व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है। उन्होंने भाजपा शासित कुछ राज्यों में समान नागरिक संहिता को लागू करने के प्रस्ताव पर टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया। कहा कि वह ड्राफ्ट को देखे बिना कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

हिंसा के लिए राजनीतिक दल जिम्मेदार नहीं

गौरतलब है कि हाल के दिनों में विभिन्न राज्यों में दो समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़पों पर कहा कि इसके लिए राजनीतिक दल नहीं, बल्कि कुछ लोग जिम्मेदार हैं। वे देश में शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने संबंधित एजेंसियों से ऐसे लोगों की पहचान करने की अपील की।

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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