थाईलैंड और सऊदी अरब ने 26 जनवरी को घोषणा की कि दोनों देशों ने तीन दशक से अधिक समय के बाद राजनयिक संबंध फिर से स्थापित करने का फैसला किया है। एक संयुक्त बयान में, थाईलैंड के पीएम और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया। दोनों देश राजदूत नियुक्त करने पर सहमत हुए हैं। लेकिन तीन दशक से दोनों देशों के बीच बातचीत क्यों बंद दी?
1989 में एक सऊदी शहजादे के महल से एक थाई पहरेदार द्वारा एक हीरे की चोरी ने दोनों देशों के रिश्तों को बर्बाद कर दिया था। इस वाकए को ब्लू डायमंड का नाम दिया गया था। आइए इसके बारे में जान लेते हैं।
क्या था ब्लू डायमंड चोरी का मामला
1989 में एक प्रिंस फैसल बिन फहद के महल से 91 किलो के गहने और अन्य मूल्यवान रत्न चोरी हो गए थे। ये चोरी एक थाई नागरिक क्रिआंगक्राई टेकामोंग ने की थी जो वहां नौकर के तौर पर काम कर रहा था। चोरी के उसने बाद गहनों को महल में एक वैक्यूम क्लीनर बैग में छिपा दिया था। इसमें एक मूल्यवान 50 कैरेट का ब्लू डायमंड सहित कई और रत्न शामिल थे।
इन गहनों को क्रिआंगक्राई थाईलैंड के लैम्पांग प्रांत में अपने घर भेजने में कामयाब रहा था। लेकिन गहनों को निपटाना उसके लिए मुश्किल साबित हुआ। उसने गहनों को कम दाम में सामान बेचना शुरू किया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद वह शक के घेरे में आ गया। रॉयल थाई पुलिस ने जांच शुरू की और गहनों की बरामदी की और क्रिआंगक्राई को सात साल जेल की सजा सुनाई थी।
फिर आया हत्याओं का दौर
थाई पुलिस सऊदी अरब के गहने वापस करने को पहुंची। यहां सऊदी अधिकारियों ने पाया कि इसमें ब्लू डायमंड गायब था और लौटाए गए करीब आधे गहने नकली थे। ऐसी रिपोर्ट्स आईं जिसमें बताया गया कि थाई राजकुमारियों और रानियों ने उन गहनों को रख लिया था। दोनों देश के बीच मामला बिगड़ने लगा
इस सबके बीच सऊदी रॉयल परिवार से नजदीकी संबंध रखने वाले मोहम्मद अल रुवैली अपने स्तर पर मामले की जांच करने थाईलैंड की राजधानी बैंकाक पहुंचे। लेकिन यहां रहस्यमय हालात में उनकी मौत हो गई। इसी दौरान थाईलैंड में तीन सऊदी डिप्लोमैट की हत्या हो गई थी। इन हत्याओं के बाद दोनों देशों के बीच संबंध खराब होते चले गए। दोनों देशों ने संबंध लगभग खत्म कर लिया था।
गहने चुराने वाले का क्या हुआ?
गहना चुराने वाले थाई नागरिक क्रिआंगक्राई टेकामोंग को पांच साल के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया गया था। कथित तौर पर गिरफ्तार होने से पहले उसने रत्न बेचे थे। हालांकि जेल में अपने अच्छे व्यवहार के कारण टेकामोंग को दो साल पहले ही छोड़ दिया गया था। टेकमॉन्ग 2016 में बौद्ध भिक्षु बन गए थे।
भिक्षु बनने के बाद उसने कहा था कि अपने गलत कामों पर पश्चाताप करने के लिए वह जीवन भर भिक्षु बना रहेगा। उसका मानना है कि लापता ब्लू डायमंड शापित है क्यों इस डायमंड ने उसके परिवार पर कई विपत्तियां लाईं।