बता दें कि पिछले दिनों वृंदावन निवासी कथावाचिका (27) ने षटदर्शन संत समाज के अध्यक्ष महंत रामेश्वर दास के खिलाफ शिकायती आवेदन दिया था। छेड़छाड़ और अश्लील बात करने के आरोप लगाए थे। कहा था कि मेरे पास पूरी रिकॉर्डिंग है।
तंत्र विद्या सिखाने के नाम मुझे आश्रम में बुलाया और छेड़छाड़ की थी। महंत ने आरोपों को झूठा कहकर साजिश बताया था। कहा था कि कथावाचिका की शादी हो चुकी है। शादी के दस्तावेज भी सोशल मीडिया में वायरल हुए थे।
इस मामले में पुलिस ने जांच की बात कही थी लेकिन पुलिस की जांच शुरू होने से पहले आरोपी महंत ने खेद व्यक्त किया। इस पर कथावाचिका ने शिकायत वापस लेकर महंत को माफ कर दिया। कथावाचिका ने कहा कि रामेश्वर दास महाराज ने मेरे साथ जो हरकत की, उन्होंने इसे लेकर खेद व्यक्त किया है।
इसके बाद मैंने उन्हें क्षमा कर दिया। संत समाज ने मुझे समझाया कि साधु समाज की बदनामी होगी। हमारे कहने पर क्षमा कर दो। मैंने साधु-संतों के कहने पर उन्हें क्षमा कर दिया है।
दरअसल मामता बढ़ता देख संत समाज आगे आया और महंत व कथावाचिका के बीच सुलह के लिए संत समाज ने शिप्रा नदी के पास दत्त अखाड़े में सभा की। यहां दोनों को बैठाकर समझाया जा रहा था। इसी दौरान किसी बात पर कथावाचिका आक्रोशित हो गईं और कहा- संत मुझसे अन्य अश्लील बातें करते थे। इसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। महंत उसे द्रोपदी और चंद्रमा की घटना सुनाकर अश्लील बात करते थे। कंडोम की बात की जाती थी।
इस पर संत समाज ने दोनों को शांति से समझाया। महंत रामेश्वर दास ने कथावाचिका पर शनि मंदिर की जमीन के लिए उन्हें फंसाने और बदनाम करने के आरोप लगाए थे, लेकिन सुलह सभा में कहा कि कथावाचिका ने कोई जमीन नहीं मांगी, मैंने झूठ कहा था। बाद में दोनों के बीच सुलह हुई।