नई दिल्ली। आर्यन ख़ान मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने बहुत बड़ी टिप्पणी की है। दुष्यंत दवे ने मामले में न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि आर्यन ख़ान को जेल भेजने वाले जज पर कार्रवाई होनी चाहिए थी। दुष्यंत दवे का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
Shahrukh Khan son's FIR states no drugs found on him, yet magistrate sends to remand, destroyed the young boy's future, higher Judiciary should have suspended the Magistrate"
— Ahmed Khabeer احمد خبیر (@AhmedKhabeer_) February 26, 2023
– Dushyant Dave
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दुष्यंत दवे एक कार्यक्रम में आर्यन ख़ान मामले का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि शाहरुख ख़ान के बेटे को जेल भेजने वाले मजिस्ट्रेट को सस्पेंड किया जाना चाहिए था। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा कि मैंने एफआईआर की कॉपी पढ़ी है। उसमें साफ लिखा हुआ है कि आर्यन खान के पास से कोई ड्रग्स बरामद नहीं किया गया था। ऐसे में उसे जेल भेजने का कोई तुक नहीं बनता था।
दुष्यंत दवे ने कहा कि आर्यन ख़ान को डेढ़ महीने तक जेल में बंद रखा गया। जोकि सरासर गलत था। आर्यन खान को जेल में रखकर उसका भविष्य बर्बाद किया गया। लिहाज़ा हमें आत्मचिंतन की जरूरत है।
आर्यन ख़ान को 2 अक्टूबर 2021 को एनसीबी ने गिरफ्तार किया था। एनसीबी का दावा था कि आर्यन और उसके दोस्त क्रूज पर ड्रग्स का सेवन करने वाले थे। हालांकि आर्यन खान के पास से एनसीबी को कोई ड्रग्स बरामद नहीं हुआ था। लेकिन इसके बावजूद एनसीबी ने मुंबई की एक अदालत में मजिस्ट्रेट आरएम नेरलीकर के सामने यह दावा किया कि आर्यन खान के तार अंतर्राष्ट्रीय ड्रग्स से जुड़े हो सकते हैं। जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने आर्यन खान को एनसीबी की रिमांड पर भेज दिया।
आर्यन खान की जमानत याचिका लगातार खारिज होती रही। आखिरकार बॉम्बे हाई कोर्ट ने आर्यन खान को जमानत दे दी। इस पूरे मामले में जांच कर रहे समीर वानखेड़े भी विवादों में घिर गए और उनके ऊपर जानबूझ कर आर्यन खान को साजिश के तहत फंसाने के आरोप लगे। इस मामले में बाद में एनसीबी ने अपनी आंतरिक जांच शुरू की जिसमें आर्यन खान को निर्दोष पाया गया।