5.9 C
London
Wednesday, April 24, 2024

हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, दूसरे धर्मो के लोगो को मंदिर में जाने से रोका नहीं जा सकता

याचिका में कोर्ट से यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि गैर-हिंदुओं को तिरुवत्तर के अरुल्मिघू आदिकेसव पेरुमल तिरुकोविल के कुंबाबीशेगम उत्सव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

- Advertisement -spot_imgspot_img
- Advertisement -spot_imgspot_img

मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति को किसी हिंदू देवता में आस्था है तो उस देवता के मंदिर में उसे जाने से नहीं रोका जा सकता। 

मद्रास हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि यदि किसी दूसरे धर्म के व्यक्ति की हिंदू धर्म के किसी विशेष देवता में आस्था है और वह उनके दर्शन करना चाहता है तो उसे उस देवता के मंदिर में प्रवेश से नहीं रोका जा सकता और ना ही उसे प्रतिबंधित किया जा सकता है।

इसके बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति पीएन प्रकाश और न्यायमूर्ति आर हेमलता की खंडपीठ ने यह फैसला एक जनहित याचिका (PIL) की सुनवाई के मामले में दी। याचिका में कोर्ट से यह निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि गैर-हिंदुओं को तिरुवत्तर के अरुल्मिघू आदिकेसव पेरुमल तिरुकोविल के कुंबाबीशेगम उत्सव में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

याचिका सी सोमन नाम के एक व्यक्ति द्वारा दायर की गई थी। दरअसल, कुंबाबीशेगम उत्सव के आयोजन के लिए प्रसारित एक निमंत्रण पत्र में एक मंत्री के नाम का भी उल्लेख है, जो एक ईसाई हैं। इसी को आधार बनाकर यह याचिका दायर की गई थी।

कोर्ट ने उदाहरण देते हुए कहा कि जन्म से ईसाई डॉ केजे येसुदास के गाए भक्ति गीत विभिन्न हिंदू मंदिरों में बजाए जाते हैं। यहाँ तक कि नागौर दरगाह और वेलंकन्नी चर्च में बिना किसी आपत्ति के बड़ी संख्या में हिंदू उपासक नियमित तौर पर जाते रहते हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि जब इस तरह के बड़े धार्मिक उत्सव होते हैं तब यह अधिकारियों के असंभव है कि वह हर व्यक्ति की धार्मिक पहचान की जाँच करे और फिर उसे मंदिर में आने की अनुमति दे।

कोर्ट ने कहा, “हमारी राय में जब किसी मंदिर का कुंबाबिशेगम जैसा सार्वजनिक उत्सव मनाया जाता है तो अधिकारियों के लिए मंदिर में प्रवेश की अनुमति देने के लिए प्रत्येक भक्त की धार्मिक पहचान की जाँच करना असंभव हो जाता है। इसके अलावा, यदि कोई दूसरे धर्म से संबंधित व्यक्ति एक विशेष हिंदू देवता में विश्वास रखता है तो उसे रोका नहीं जा सकता है और न ही किसी मंदिर में उसके प्रवेश को प्रतिबंधित किया जा सकता है।”

- Advertisement -spot_imgspot_img
Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network

Latest news

- Advertisement -spot_img

Related news

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here