लखनऊ: शिया वक़्फ़ बोर्ड (Shia waqf board) के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ( Waseem rizvi) उर्फ जितेन्द्र नारायण सिंह त्यागी के फैसले से उनका परिवार सहमत नहीं है। मंगलवार को जितेंद्र के भाई शानू ने कहा कि वसीम हमारे लिए आम आदमी हैं। वह जैसे दूसरे लोगों के लिए हैं वैसे ही हमारे परिवार के लिए भी। हमारा उनसे कोई नाता नहीं है। उन्होंने जो भी फैसला लिया है उससे हम लोगों का कोई सरोकार नहीं है।
शानू ने इससे पहले भी जितेंद्र से कोई रिश्ता नहीं होने की बात कही थी। शानू ने बताया कि कुरान के आयतों के बारे में जितेन्द्र ने विवादित बयान दिया था। तभी उन्होंने व उनके परिवार ने रिश्ता तोड़ लिया था। शानू ने इस बारे में एक वीडियो भी जारी किया था और इस बारे में जानकारी दी थी। शानू का कहना है कि वह कश्मीरी मोहल्ला स्थित पुश्तैनी मकान में रहते हैं, जहां न तो जितेन्द्र आते हैं न ही उन लोगों का उनसे कोई संपर्क है। मोहल्ले के लोग भी इस बारे में जानते हैं। वह कश्मीरी मोहल्ले में नहीं आते।
शानू ने कहा था कि जितेन्द्र का उनके भाई, बहन व मां से कोई रिश्ता नहीं है। वसीम उर्फ जितेन्द्र न तो नमाज पढ़ते हैं न ही रोजा रखते हैं। वह किसी के इशारे पर ऐसा कर रहे हैं। कोई उन्हें बहला रहा है। राजनीति कर रहा है। जो समझ मे आता है वह करते हैं। वह इस्लाम से नहीं जुड़े हैं। कुरान की हिफाजत अल्लाह करेगा। हमारा पूरा परिवार वसीम उर्फ जितेन्द्र से कोई संबंध नहीं रखना चाहता। शानू ने कहा कि जितेन्द्र का कहना है कि उन्हें उनके समाज से निकाल दिया गया। इसलिए वह किसी भी दूसरे समाज में जाने के लिए स्वतंत्र हैं।
घर पर पसरा सन्नाटा : वसीम उर्फ जितेन्द्र नक्खास के पास एक अपार्टमेंट में रहते हैं। अभी वह लखनऊ नहीं आए हैं। मंगलवार को भी उनके फ्लैट में सन्नाटा पसरा था। वहां कोई भी हलचल नहीं दिखी। जितेन्द्र की दोनों पत्नियां भी नजर नहीं आईं। परिवार के लोग अभी कहां हैं, इसके बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।