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Friday, April 26, 2024

ऑटो ड्राइवर मोहम्मद निसार का का सपना हुआ पूरा, बेटा बना फुटबॉल का नया सेंसेशन

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संतोष ट्रॉफी के सेमीफाइनल में गुरुवार को जब केरल का सामना कर्नाटक से हो रहा था, तब मोहम्मद निसार इस मुकाबले को स्टैंड्स से देखना चाहते थे. लेकिन मल्लपुरम का ये ऑटो ड्राइवर समय से काम नहीं खत्म कर पाया, जिसके कारण वह मैच का लुत्फ नहीं उठा पाया. मोहम्मद निसार को इस मुकाबले का बेसब्री से इंतजार था, क्योंकि उनका बेटा जेसिन टीके केरल की टीम का हिस्सा था. 

निसार अपने बेटे का ये मैच तो नहीं देख पाए लेकिन उनका सपना जरूर साकार हो गया. केरल के स्ट्राइकर जेसिन टीके ने कर्नाटक के खिलाफ इस मैच में बतौर सब्सिट्यूट मैदान पर उतरकर 5 गोल दागे. जेसिन के इस खेल की बदौलत केरल ने कर्नाटक को 7-3 से हराया. जेसिन संतोष ट्रॉफी के इतिहास में एक सब्सिट्यूट के रूप में पांच गोल करने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने केरल के लिए नेशनल फुटबॉल चैम्पियनशिप के किसी एक मैच में सबसे अधिक गोल करने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया. इससे पहले, यह उपलब्धि आसिफ साहिर के नाम थी. उन्होंने साल 1999 में बिहार के खिलाफ मैच में 4 गोल दागे थे.

पिता हैं ऑटो ड्राइवर

जेसिन टीके के पिता मोहम्मद निसार पेशे से ऑटो ड्राइवर हैं. उन्होंने यह मैच मोबाइल पर देखा. अब संतोष ट्रॉफी के फाइनल में केरल की टक्कर बंगाल से है. इस बार जेसिन टीके के पिता पिछली गलती नहीं दोहराएंगे और दिन में ही काम खत्म करके पूरे परिवार के साथ बेटे का मैच देखने के लिए स्टेडियम जाएंगे. उनके लिए यह जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है.

‘इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत में जेसिन टीके के पिता मोहम्मद निसार ने कहा कि मैं खुद एक फुटबॉलर बनना चाहता था. लेकिन मेरा ध्यान केंद्रित नहीं था. मैं एथलेटिक्स, बास्केटबॉल और कबड्डी जैसे अलग-अलग खेल खेलता रहा और अंत में किसी में भी अपना करियर नहीं बना पाया. मुझे सही रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं था. उन्होंने कहा कि जेसिन टीके भी एथलेटिक्स में भी अच्छा था. लेकिन मैंने अपने बेटे को एक सलाह दी थी कि वह एक वक्त में सिर्फ एक चीज पर ध्यान केंद्रित करे और मुझे खुशी है कि वह फुटबॉल से जुड़ा रहा.

जेसिन टीके के फुटबॉलर बनने में दादी की भूमिका भी अहम रही. पिता ने बताया कि जब जेसिन छोटा था तो ऑटो चलाकर मेरी इतनी कमाई नहीं होती थी कि मैं घर चला सकूं. इसके बाद मैं काम के सिलसिले में खाड़ी देश में चला गया. वहां मैंने कई साल नौकरी की. इस दौरान मेरी मां यानी जेसिन की दादी उसे रोज फुटबॉल एकेडमी लेकर जाती थी. वह चाहती थी कि जेसिन भी मेरे जैसा फुटबॉलर बने. दुर्भाग्य से, जब वह आठवीं क्लास में था, तब उनकी मौत हो गई. अगर वो आज रहती तो सबसे ज्यादा खुश होती.

जेसिन मलप्पुरम के एकमात्र खिलाड़ी नहीं हैं जो केरल की टीम में शामिल हैं. कर्नाटक के खिलाफ केरल के लिए दो अन्य गोल करने वाले खिलाड़ी भी इसी जिले से हैं. मिडफील्डर अर्जुन जयराज, जो केरल यूनाइटेड के लिए खेलते हैं, और बेंगलुरु एफसी (रिजर्व) के एन एस शिगिल. केरल टीम में मलप्पुरम के छह खिलाड़ी हैं

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Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network

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