सिंगापुर (Singapore) में एक डॉक्टर को सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक (Facebook) पर मुसलमानों ( Muslims)और इस्लाम ( Islam) पर सवाल पूछना भारी पड़ गया. डॉक्टर खो क्वांग पो के खिलाफ सिंगापुर की पुलिस ने इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ सोशल मीडिया पर (objectionable remarks on Islam, Muslims) आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मामला दर्ज किया है.
बता दें कि डॉ. खो के कथित फेसबुक पोस्ट के ‘स्क्रीनशॉट’ प्रकाशित हुए थे. पिछले साल एक पोस्ट में खो ने कथित तौर पर कहा था कि मुसलमानों से बहुत अधिक हिंसा जुड़ी है. 2019 की एक पोस्ट में उन्होंने सवाल उठाया था कि इस धर्म (इस्लाम) को आलोचकों से बचाव की जरूरत क्यों है?
बता दें कि डॉ. खो क्वांग पो हाल ही में एक पत्र लिखने के बाद चर्चा में आए थे, जिसमें युवाओं के लिए सिंगापुर के कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम को रोकने का आह्वान किया गया था. डॉ. क्वांग इस पत्र के सह लेखक थे.
‘द स्ट्रेट्स टाइम्स’ की एक खबर के अनुसार, फेसबुक पर लिखी पोस्ट के सिलसिले में पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज किया है. मामले की जांच जारी है. वहीं, डॉ. खो क्वांग पो ने पुलिस में शिकायत की जानकारी ना होने की बात कहते हुए मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
खबर के अनुसार, हाल ही में कई वेबसाइट पर मुसलमानों और इस्लाम पर टिप्पणी करने वाले डॉ. खो के कथित फेसबुक पोस्ट के ‘स्क्रीनशॉट’ प्रकाशित हुए थे. पिछले साल एक पोस्ट में डॉ. खो क्वांग पो ने कथित तौर पर कहा था कि मुसलमानों से बहुत अधिक हिंसा जुड़ी है. 2019 की एक पोस्ट में उन्होंने सवाल उठाया था कि इस धर्म (इस्लाम) को आलोचकों से बचाव की जरूरत क्यों है?
गौरतलब है कि डॉ. खो ने हाल ही में फेसबुक पर सिंगापुर की कोविड-19 टीकाकरण पर बनी विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर बेंजामिन ओंग को एक पत्र लिखा था. इस पत्र पर चार अन्य डॉक्टरों ने भी हस्ताक्षर किए थे. अमेरिका में ‘एमआरएनए’ टीके की दूसरी खुराक लेने के बाद 13 वर्षीय लड़के की कथित तौर पर ह्रदयगति रुकने से मौत के मामले की जांच ‘सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन’ द्वारा शुरू करने की पृष्ठभूमि में डॉक्टरों ने सिंगापुर में युवाओं का टीकाकरण बंद करने की मांगी की थी.
कोविड-19 टीकाकरण पर सिंगापुर की विशेषज्ञ समिति ने डॉक्टरों द्वारा लिखे गए खुले पत्र के जवाब में कहा कि कोविड-19 रोधी ‘एमआरएनए’ टीके के लाभ उसके जोखिम से कहीं अधिक हैं. समिति ने कहा था कि पत्र में जिस 13 वर्षीय लड़के की मौत का जिक्र किया गया है, उसकी मौत के कारण की सार्वजनिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है और अमेरिकी अधिकारी अभी उस मामले की जांच कर रहे हैं.