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Wednesday, April 17, 2024

काली की डायरेक्टर ने फिल्म में बदलाव से किया इन्कार, उल्टा भारत सरकार को ही बता दिया कट्टरपंथी

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नई दिल्ली। फिल्म काली के पोस्टर ने विवाद को तूल दे दी है और लगभग हर डिबेट और चैनल पर उस फिल्म और पोस्टर से जुडी खबरें ही चल रही हैं। मुद्दे ने अब राजनीतिक रंग भी ले लिया है.

फिल्म को एक बार फिर से राजनीतिक एंगल देने की कोशिश शुरू हो गयी है आपको बता दें, फिलहाल फिल्म का पोस्टर आगा खान म्यूजियम से हटा दिया गया है और फिल्म की स्क्रीनिंग पर भी रोक लगा दी गयी है। इसके अलावा ट्विटर ने भी सख्त कदम उठाते हुए डायरेक्टर लीना मणिमेकलई का वो पोस्ट हटा दिया है जिसकी वजह से विवाद शुरू हुआ था।

सभी कंट्रोवर्सी के बाद, फिल्म को लेकर डायरेक्टर लीना मणिमेकलई का जवाब भी आ गया है जहाँ उन्होंने अपनी गलती तो नहीं मानी बल्कि लोगों को ही दोषी बता दिया है। लीना ने सीधे तौर पर अपनी फिल्म की कंट्रोवर्सी पर बात नही किया है पर वेबसाइट “सिनेमा एक्सप्रेस” ने जब उनसे बात किया तब सभी मुद्दों पर उन्होंने बात रखी है।

आप उनके लिए क्या कहती हैं जो कहते हैं कि पोस्टर धार्मिक भावनाओं को आहत करता है 

लीना ने कहा – मेरे लिए काली, शक्ति,स्वंत्रता और सत्य है। एक अंडररेटेड आत्मा है। एक देवी है। उन्होंने लोगों के ऊपर आने वाले काली माता की आत्मा को साक्षात माता काली मान लिया और उस मानवीय काली रूप को (जो किसी पूजा के दौरान कुछ महिलाओं पर आ जाती है) धूम्रपान करने का रंग दे दिया और बोलीं की मैं ऐसी ही काली को जानती हूँ। आपको बता दें फिल्मकार ने किसी भी शास्त्र या ग्रंथ से माता काली का उद्धरण नहीं दिया बल्कि लोगों के ऊपर माता आने के बाद लोग जो व्यवहार करते हैं उसे ही माता काली का स्वरूप मान लिया, लोगों के ऊपर आने वाली माता में उन्होंने खुद को भी शामिल किया और बताया कि उनके ऊपर भी माता काली आती हैं। आगे उन्होंने फिल्म के बारे में बताया, कि फिल्म काली प्यार को चुनने और मानवता की हिमायत के बारे में है। इसके अलावा लीना ने खा कि उन्हें कोई परवाह नही है कि किसकी भावना आहत हुई और किसकी नहीं बल्कि उन्होंने सीधे लोगों को ही घृणा से भरा हुआ बता दिया और कह दिया की इन लोगों में ही आस्था नही है। वो सिर्फ मेरी फिल्म बैन कराना चाहते हैं।

इसके बाद उन्होंने सरकार को भी हिन्दू कटटरपंथी और शासन को तानाशाही (फ़ासिस्ट) शासन बोला है। उसके बाद उन्होंने कहा कि भारत में आवाज़ों को दबाया जाता है, अल्पसंख्यक के अधिकारों का हनन होता है और स्टूडेंट को जेल में डाल दिया जाता है।

उन्होंने भारत सरकार पर आरोप लगाया कि भारत में डर का माहौल है। वो कहती हैं कि वो अपनी आर्ट को सेल्फ सेंसर नहीं करेंगी यानी कि अगर जिन सीन से किसी की भावना आहत हो या फिर एक देश से उस सीन को या पोस्टर को बैन करने की मांग हो, तब भी लीना फिल्म में कोई बदलाव नहीं करेंगी।

इसके अलावा वो चुनौती देते हुए यह भी कहती हैं कि उनकी फिल्म को कोई बैन नहीं कर सकता। सीधे तौर पर उन्होंने फिल्म के पोस्टर को लेकर न ही माफ़ी मांगी और न ही उसे बदलने की बात किया बल्कि खुलकर देश को नीचे गिराने वाली बातें कही हैं। उन्होंने वो बातें कहा जो पश्चिमी देशों से निकलकर अपने देश में पनपती हैं और आपसी द्वेष का कारण बनती हैं।

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Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network

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