बेटी से धोखे से शादी कर फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने के मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अनुसचिव की बेटी सामने आई हैं। उन्होंने अपने माता पिता पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पति डा. अब्दुल रहमान व अपने बच्चे के साथ रहना चाहती हैं।
पिता ने रसूख का इस्तेमाल कर गाजियाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जबकि नोएडा पुलिस और राष्ट्रीय महिला आयोग ने पिता के आरोपों में सत्यता न मिलने पर मामले को खारिज कर दिया था।
अब्दुल ने ही बचाई थी जान
अनुसचिव ने नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनकी चिकित्सक बेटी को गैर हिंदू लड़के ने बहलाकर गलत तरीके से गाजियाबाद में शादी पंजीकृत करा ली थी। उधर, बेटी का कहना है कि वह 2017 में अब्दुल से मिली थीं और खाना बनाते समय जलने पर अब्दुल ने ही उनकी जान बचाई थी। माता पिता मारपीट करते थे। वे झूठी शान के लिए अपनी मर्जी से शादी कराना चाहते थे।
इस कारण वह अलग रहने लगी थीं। उन्होंने ही अब्दुल के सामने शादी का प्रस्ताव रखा था। हिंदू मैरिज एक्ट के सभी प्रविधानों का पालन करते हुए ही शादी का पंजीकरण कराया है। वह जल्द ही गाजियाबाद पुलिस को सभी दस्तावेज अपने बयान के साथ देंगी। कोर्ट में भी साबित कर देंगी कि उनकी शादी का पंजीकरण वैध तरीके से ही हुआ है। मेरा उत्पीड़न अब्दुल नहीं, मेरे अपने माता पिता कर रहे हैं। वह अपने पति व बच्चे के साथ ही रहेंगी।
IAS पिता ने जताई थी लव जिहाद की आशंका
केंद्र सरकार के एक अनुसचिव ने अपनी इकलौती बेटी के लव जिहाद का शिकार होने की आशंका जताई थी। गैर हिंदू युवक पर बेटी से धोखाधड़ी कर शादी करने का आरोप लगाते हुए नगर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। मुकदमे में दिल्ली के खन्ना मार्केट के आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों और गाजियाबाद के छोटी बजरिया स्थित वैदिक हिंदू सभा को भी आरोपित बनाया है, जिसकी ओर से उनकी बेटी और आरोपित युवक की शादी का प्रमाण-पत्र जारी किया गया है।