4.6 C
London
Thursday, April 18, 2024

अक़्ल ठिकाने आते ही बीजेपी नेता तेजस्वी सूर्या ने मुसलमानों पर ऐसा क्या कहा जो उन्हें बयान वापस लेना पड़ा

- Advertisement -spot_imgspot_img
- Advertisement -spot_imgspot_img

बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद तेजस्वी सूर्या ने अपने विवादित बयान को ‘बिना शर्त’ वापस ले लिया है. उन्होंने अपने भाषण के दौरान कहा था कि भारतीय उप-महाद्वीप में ‘मुसलमानों और ईसाइयों का वापस हिंदू धर्म में परिवर्तन कराया जाना चाहिए.’ 

उडुपी के श्री कृष्ण मठ में शनिवार को तेजस्वी सूर्या को भारत में ‘हिंदू धर्म का नवजागरणवाद’ पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था.

रविवार को उनका भाषण वायरल हो गया था जिसमें कुछ लोग उनकी तारीफ़ कर रहे थे तो कुछ उनकी आलोचना कर रहे थे. 

सूर्या ने सोमवार सुबह को ट्वीट करके बयान वापस ले लिया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “मेरे भाषण के कुछ बयानों ने खेदजनक रूप से एक विवाद पैदा कर दिया है. इसलिए मैं बिना शर्त बयान वापस लेता हूं.”

उनकी टीम के एक सदस्य से जब इस मामले पर बयान वापस लेने की वजह जाननी चाही तो उन्होंने बीबीसी हिंदी से कहा, “हमारी ओर से इस पर कोई सफ़ाई नहीं दी गई है.”

भाषण के दौरान सूर्या ने हिंदू समुदाय के साथ-साथ उसके धार्मिक नेताओं के लिए लक्ष्य तय किया था.

सूर्या ने क्या कहा था?

उन्होंने कहा था कि हिंदू समुदाय के जो लोग धर्म परिवर्तन कर चुके हैं उन्हें वापस हिंदू बनाकर उनकी ‘घर वापसी’ सुनिश्चित की जाए. इसके लिए उन्होंने न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों की हिंदू धर्म में वापसी की बात कही. 

सूर्या ने कहा, “हज़ारों सालों से कभी जबरन और कभी धोखे से, कभी डर दिखाकर तो कभी लालच देकर हिंदुओं को अपने धर्म से निकाला जाता रहा. इस विसंगति को दूर करने का एक ही उपाय है. जो लोग सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक कारणों से अपने मातृ धर्म को छोड़कर जा चुके हैं उन्हें हिंदू धर्म में वापस लाया जाए. इसके अलावा कोई उपाय नहीं है.”

सूर्या के 1 घंटे 21 मिनट के भाषण की एक वीडियो क्लिप में सूर्या ये बातें कह रहे हैं जो वायरल हो गई. यह बात उन्होंने उडुपी के श्री कृष्ण मठ में हुए एक कार्यक्रम के दौरान कही. 

सूर्या ने और क्या-क्या कहा

तेजस्वी सूर्या ने कार्यक्रम में कहा, “जब आप इसके बारे में सोचते हैं तो आश्चर्य करते हैं कि यह संभव है या नहीं है. यह हमारे पास स्वाभाविक रूप से नहीं आता है. हमें कायापलट करने की और हमारे डीएनए में बदलाव लाने की ज़रूरत है.”

“हर मंदिर और मठ का सालाना लक्ष्य होना चाहिए हमें कितने लोगों को वापस हिंदू बनाना है. इस त्योहार पर हम इतने लोगों को वापस लाए हैं. उनका धर्म परिवर्तन करने के बाद टीपू जयंती का जश्न उन लोगों को मनाना चाहिए जिनका उस समय धर्म परिवर्तन हुआ था. सिर्फ़ उसी के ज़रिए हमारे राष्ट्र का पुनर्जन्म हो सकता है. इसके अलावा कोई समाधान नहीं है.”

सूर्या का यह आह्वान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की बात की तरह ही है और यह ऐसे समय में कही गई बात है जब पूरे देश में हरिद्वार के मामले की चर्चा है. 

सूर्या ने भारत के मुसलमानों और ईसाइयों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘वो अरब या यरूशलम की ज़मीन से नहीं आए थे. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी हिंदू कभी भी हिंदू धर्म से बाहर न जा पाए. हिंदुओं को धर्म से हटने से रोकना है जिससे आधी समस्या अपने आप सुलझ जाएगी. बाकी आधी समस्या अनसुलझी रहेगी (जो कि पहले ही धर्म परिवर्तन कर चुके हैं).’

बैंगलोर दक्षिण से लोकसभा सांसद सूर्या ने कहा, “धर्म परिवर्तन करने वालों की संख्या बढ़ रही है. इसका हमें कैसे सामना करना है? हमने इस पर चर्चा की है. जब चुनाव आते हैं तो हम चर्चा करते हैं कि मोहल्ले में उनकी संख्या बढ़ रही है. संक्षेप में कहें तो हम संख्या को तोड़ने के लिए परिसीमन के दौरान निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सलाह देते हैं.”

“लेकिन यह दिमाग़ से किया गया समाधान है यह कोई अंतिम समाधान नहीं है. हम केवल समस्या को स्थगित कर सकते हैं उसका समाधान नहीं ढूंढ सकते हैं. हमें यह समझने की ज़रूरत है कि अगर हिंदू धर्म, हिंदू समाज को जीवित रहना है तो उसके पास राजनीतिक शक्ति होना आवश्यक है. राजनीतिक शक्ति क्या फ़ैसला करती है? यह एक संख्या बल है. लोकतंत्र में जनसांख्यिकी नियति तय करती है. इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है.” 

“आप इस समस्या को कैसे देखते हैं? यह हमारा कर्तव्य है. ऐसे प्रगतिशील हिंदू धर्म से जो हमारा ख़ून और हमारे लोग थे वो मुसलमान और ईसाई बन गए. यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उन्हें उनके असली धर्म और सच्चे धर्म में वापस लेकर आएं. हमें इसे करना होगा.”

‘हिंदू धर्म में करोड़ों ईश्वर, इस्लाम-ईसाई में सिर्फ़ एक ईश्वर’

तेजस्वी सूर्या ने ज़ोर देते हुए कहा कि ‘हिंदू धर्म ही इकलौता धर्म था जो इस्लाम और ईसाई धर्म के हमले में बच पाया’ क्योंकि दुनिया के बाक़ी हिस्सों में तो स्थानीय प्रथाओं को साफ़ कर दिया. 

“हिंदू धर्म के करोड़ों भगवान से उलट इस्लाम और ईसाई जैसे धर्मों में केवल एक पैग़ंबर और एक ईश्वर पर विश्वास है. ईसाइयों के लिए बाक़ी धर्म नास्तिक हैं और इस्लाम में बाक़ी लोग काफ़िर हैं. दोनों ही धर्म मूर्ति पूजा या झूठे भगवानों को ख़त्म कर देना चाहते हैं.”

उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती का उदाहरण देते हुए कहा कि मुस्लिम युवा कभी उनकी जयंती का जश्न नहीं मनाते हैं ‘क्योंकि वो हिंदू स्वामीजी के पास जाते थे और अपने छात्रों को भगवद् गीता पढ़ने की सलाह देते थे.’

सूर्या ने कहा कि शिरडी के साईं बाबा के मामले में देखें तो पूरा देश उनकी पूजा करता है लेकिन कभी आपने मुसलमानों को उनकी पूजा करते हुए देखा है जबकि हर कोई जानता है कि वो मुस्लिम फ़कीर थे.

अनुच्छेद 370 और राम मंदिर का भी ज़िक़्र

उन्होंने कहा, “अब हम जानते हैं कि हमारा दुश्मन कौन है और हमारा जवाब क्या होना चाहिए. पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक उम्मीदवार जो भी हो और चुनाव जो भी हो, जो भी वोट देने में सक्षम है उसको चाहिए कि वो देखे कौन हिंदू की रक्षा कर सकता है. सावरकर ने कहा था कि सारी राजनीति का हिंदूकरण करो. 2014 से पहले धर्मनिरपेक्ष पार्टियों की मस्जिद जाने की प्रतियोगिता होती थी. अधिकतर ने दाढ़ी बढ़ा ली थी और मेहंदी लगा ली थी. सिर्फ़ 2014 में हिंदू ने एक साथ संदेश दिया कि अगर आप हिंदू को सुरक्षित नहीं रखते हैं तो आप नहीं चुने जाएंगे.”

सूर्या ने इसके बाद अनुच्छेद 370 और राम मंदिर पर भी अपना बात कही. 

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने की जब बात आती थी तो ख़ुद की हार होने की भावना दिखाई देती थी. 

“यहां तक कि अदालतें हिंदू और मुसलमानों के बीच विवाद पर फ़ैसला देने से बचती थीं. यहां तक कि राम मंदिर मामले में अदालतें फ़ैसला देने में डर रही थीं. हिंदू जागा तो राम मंदिर मामले पर फ़ैसला देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी हिम्मत आई.”

“यह सब इसलिए हुआ क्योंकि हिंदू सत्ता के केंद्र में आ पाए इसलिए अब इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता है. हिंदू नस्ल को जीवित रखने के लिए हिंदुओं का नियंत्रण ही अब उपाय है. हिंदू नस्ल को बचाने के लिए इस बात को हर किसी तक फैलाया जाना चाहिए.”

सोशल मीडिया पर हुई आलोचना?

द देशभक्त नामक ट्विटर हैंडल ने एक वीडियो ट्वीट करके सवाल पूछा है कि ‘क्या तेजस्वी सूर्या की नफ़रत अभी भी आपको चौंकाती है?’

वहीं तेजस्वी सूर्या के ट्वीट में ही बिस्वदीप रथ ने उनसे सवाल किया कि ‘सर आपका राजनीतिक क़द बीते दो सालों में तेज़ी से बढ़ा है. कृपया ऐसे बयान न दें जिन पर आप सार्वजनिक रूप से जमे न रह पाएं और उन्हें वापस लेना पड़े. यह ख़राब है और धर्म को कमज़ोर करता है.”

कर्नाटक कांग्रेस की प्रवक्ता भव्या नरसिम्हामूर्ति ने ट्वीट करके सवाल पूछा कि ‘क्या ये सब धर्म परिवर्तन के बाद ब्राह्मण बन जाएंगे? यह शख़्स सांप्रदायिक और ग़ैर ज़िम्मेदाराना बयान इस हैसियत से सिर्फ़ एक ही वजह से देता है और वो है इनकी बेशर्म चापलूसी वरना इनकी शून्य विश्वसनीयता है.’ 

हालांकि भव्या के ट्वीट पर राज्य के बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश एस. तेजस्वी सूर्या का बचाव करने सामने आए.

उन्होंने कमेंट में लिखा, “धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों को वापस लाने की अपील क्या बेशर्म चापलूसी है? वो एक चुने हुए सांसद हैं तो उनकी विश्वसनीयता पर क्या सवाल है? आपको क्या दुख है अगर कोई धर्म में वापसी करता है. इसी हिंदू विरोधी स्टैंड ने आपकी पार्टी को क्षेत्रीय बना दिया.’

- Advertisement -spot_imgspot_img

Latest news

- Advertisement -spot_img

Related news

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here