नई दिल्ली: सेना में भर्ती के लिए लाई गई स्कीम अग्निपथ को लेकर युवाओं में गुस्सा है। विपक्ष इस योजना पर हमला कर रही है। पांच दिनों से जारी हिंसा के बाद आज रक्षा मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस चल रही है।
इस दौरान सेना कहा कि अग्निपथ योजना किसी भी हाल में वापस नहीं होगी।
कोचिंग ने युवाओं को भड़काया
इस पूरे विरोध-प्रदर्शन में कोचिंग इंस्टीट्यूट की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। सेना कि ओर से भी कहा गया कि कोचिंग चलाने वालों ने छात्रों को भड़काकर प्रदर्शन कराया है। अग्निवीर बनने वाले शपथपत्र देगा कि उसने कोई प्रदर्शन नहीं किया है न तोड़फोड़ की। बिना पुलिस वेरीफिकेशन के कोई सेना में शामिल नहीं होगा। युवा फिजिकली तैयार हों, ताकि वह हमारे साथ जुड़कर ट्रेनिंग कर सकें। महिलाएं भी अग्निवीर बनेंगी, उन्हें अलग-अलग ट्रेड में शामिल किया जाएगा।
अग्निवीरों के साथ कोई भेदभाव नहीं
सेना ने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, हम 50-60 हजार सैनिकों की बहाली करेंगे और बाद में इसे बढ़ाकर 90,000- 1 लाख तक किया जाएगा। हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46,000 जवानों से छोटी शुरुआत की है। ले. अ. अनिल पुरी ने कहा कहा कि ‘अग्निवीरों’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। जो कपड़े सेना के जवान पहनते हैं वहीं कपड़े अग्निवीर पहनेंगे, जिस लंगर में सेना के जवान खाना खाते हैं वहीं पर अग्निवीर खाएंगे। जहां पर सेना के जवान रहते हैं वहीं पर अग्निवीर ही रहेंगे।
1 जुलाई को सेना के लिए नोटिफिकेशन होगा जारी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल बंशी पुनप्पा ने कहा कि सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 1 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। जिसके बाद लोग एप्लीकेशन रजिस्ट्रेशन शुरू कर सकते हैं। भर्ती के लिए पहली रैली अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी। रैली में फिजिकल टेस्ट और मेडिकल होगा उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम होगा फिर उन्हें कॉलम में मेरिट के हिसाब से भेजेंगे। अगस्त से लेकर नवंबर तक 2 बैच में रैलिया होंगी। पहले लॉट में 25000 अग्निवीर आएंगे। ये लोग दिसंबर के पहले सप्ताह में आएंगे।