अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे का बाद अब उसका प्रभाव पाकिस्तान पर भी बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तानी मीडिया पर भी तालिबान के विचारों का असर दिख रहा है। शुक्रवार को एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल की एंकर ने हिजाब को सही ठहराते हुए लाइव कैमरे के सामने हिजाब पहनकर दिखाया और कहा कि इसे पहनने से सोच नहीं बदलती।
क्या है पूरा मामला?: समा टीवी की न्यूज एंकर का एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। लाइव डिबेट में पाकिस्तानी प्रोफेसर परवेज हुडभोय भी मौजूद थे। जो बता रहे थे कि अब पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी में भी लड़कियों को हिजाब पहनने को कहा जा रहा है। इसके जवाब में एंकर तिलमिला गयी और हिजाब का बचाव करने लगीं। इसके बाद उसने हिजाब पहनकर भी दिखाया।
कायदे आजम यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे परवेज हुडभोय ने कहा था “मैंने साल 1973 से पढ़ाना शुरू किया, तब 47 साल पहले एक लड़की भी आपको बमुश्किल बुर्के में दिखायी देती थी। अब तो हिजाब बुर्का आम हो गया है। अब तो नॉर्मल लड़की तो दिखायी ही नहीं देती है। और जब वो क्लास में बैठती हैं।”
इधर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन ‘‘समावेशी’’ नहीं हुआ है, लिहाजा नयी व्यवस्था की स्वीकार्यता पर सवाल उठते हैं और इस परिस्थिति में उसे मान्यता देने के बारे में वैश्विक समुदाय को ‘‘सामूहिक’’ और ‘‘सोच-विचार’’ कर फैसला करना चाहिए।प्रधानमंत्री ने साथ ही चेताया भी कि अगर अफगानिस्तान में ‘‘अस्थिरता और कट्टरवाद’’ बना रहेगा तो इससे पूरे विश्व में आतंकवादी और अतिवादी विचारधाराओं को बढ़ावा मिलेगा।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान के मुद्दे पर भारत का रुख स्पष्ट करते हुए अपने डिजिटल संबोधन में कहा कि वहां की भूमि का इस्तेमाल किसी भी देश में आतंकवाद फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रम का सर्वाधिक प्रभाव भारत जैसे उसके पड़ोसी देशों पर होगा और साथ ही उन्होंने सीमापार आतंकवाद तथा आतंकवाद के वित्त पोषण पर लगाम कसने के लिए आचार संहिता बनाने की वकालत की।