सुप्रीम कोर्ट ने कथित 2018 दुष्कर्म मामले में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दर्ज आपराधिक शिकायत के संबंध में मुकदमे की सुनवाई से पहले आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हुसैन के खिलाफ FIR दर्ज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के हाल ही में लिए गए आदेश पर भी रोक लगा दी। अब इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर के तीसरे हफ्ते में होगी।
दुष्कर्म मामले में 18 अगस्त को हाईकोर्ट ने दिया था FIR दर्ज करने का आदेश
बता दें कि 18 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित दुष्कर्म मामले में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ कई धाराओं में मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। इतना ही नहीं अदालत ने तीन महीने के भीतर जांच पूरी करने के लिए कहा था।
शाहनवाज के खिलाफ क्या हैं आरोप, शिकायत कब दर्ज हुई?
शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एक महिला ने जून 2018 में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता ने अप्रैल 2018 में उसे अपने छतरपुर स्थित फार्महाउस पर बुलाया और कोल्ड ड्रिंक में कुछ नशीला पदार्थ मिलाकर उसे दिया। इसके बाद उसके साथ नशे की हालत में दुष्कर्म हुआ।
शिकायतकर्ता ने भाजपा नेता पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (अगर किसी महिला के साथ कोई जबरन शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे दुष्कर्म की श्रेणी में शामिल किया जाएगा), धारा 328 (कोई किसी व्यक्ति की मर्जी के बिना उसके खाने या पीने की वस्तु में नशीला या जहरीला पदार्थ मिला देता है, जिससे उस व्यक्ति को चोट लग जाती है), धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 506 (किसी को धमकी देना) के तहत आपराधिक केस दर्ज करने की मांग की थी।
महिला ने बाद में मेट्रोपोलिटन ट्रायल कोर्ट के सामने सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत एप्लिकेशन दायर की। इसमें मांग की गई कि पुलिस को एफआईआर दायर करने के लिए निर्देश जारी किए जाएं। पुलिस ने इस मामले में चार जुलाई 2018 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के सामने एक्शन टेकन रिपोर्ट (एटीआर) दायर की थी। दिल्ली पुलिस का कहना था कि जांच के बाद शिकायतकर्ता की ओर से लगाए गए आरोपों की पुष्टि नहीं हो पाई।
शाहनवाज हुसैन का क्या तर्क रहा?
दिल्ली हाईकोर्ट ने 13 जुलाई को मामले में निचली अदालत के आदेश पर रोक लगा दी। शाहनवाज हुसैन के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा था कि भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का फैसला पूरी तरह गलत है, क्योंकि शिकायतकर्ता और शाहनवाज के भाई के बीच कुछ विवाद है। इसी विवाद में शाहनवाज को भी घसीटा जा रहा है। वकील ने कहा कि शिकायतकर्ता ने जिस तारीख और समय का जिक्र कर शाहनवाज पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं, उस दिन भाजपा नेता रात 9.15 बजे तक घर से नहीं निकले थे, तो 10.30 बजे तक छतरपुर कैसे पहुंच सकते हैं। इस मामले में शिकायतकर्ता के कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) पेश कर कहा गया कि महिला भी रात 10.45 तक द्वारका में थी, तो वह छतरपुर में कैसे हो सकती है। वकील ने कहा था कि भाजपा नेता के खिलाफ एफआईआर दायर कराने का जो फैसला निचली अदालत की तरफ से दिया गया, उसके पीछे की कोई स्पष्ट वजह भी नहीं बताई गई। पुलिस को भी शिकायतकर्ता के आरोपों की पुष्टि लायक सबूत नहीं मिले।