त्रिपुरा में 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के ‘असंतुष्ट’ विधायकों के पार्टी छोड़ने और तृणमूल कांग्रेस में लौटने की अटकलों के बीच, भाजपा की केंद्रीय कमान के तीन पार्टी नेता बुधवार को राज्य पहुंचे और बैठकें कीं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बी.एल. संतोष, त्रिपुरा के संगठनात्मक प्रभारी फणींद्र नाथ शर्मा और उत्तर पूर्व के क्षेत्रीय सचिव अजय जामवाल अगरतला पहुंचे और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों और सांसदों के साथ कई बैठकें कीं।
पार्टी के सूत्रों के अनुसार, त्रिपुरा में कुछ ‘असंतुष्ट’ भाजपा विधायक टीएमसी नेता मुकुल रॉय के संपर्क में थे और भगवा पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे थे। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा विधायक सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में, असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने राज्य के नेतृत्व में बदलाव की मांग के लिए राष्ट्रीय राजधानी का दौरा किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकुल रॉय के करीबी माने जाने वाले रॉय बर्मन के साथ करीब नौ विधायक दिल्ली गए थे। हालांकि, केंद्रीय नेतृत्व ने कहा है कि राज्य नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा।
कल बैठक के बीच पत्रकारों से बात करते हुए, भगवा पार्टी के राज्य प्रमुख माणिक साहा ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व सभी मंत्रियों, विधायकों, सांसदों के साथ मुद्दों पर ‘व्यक्तिगत’ चर्चा कर रहा है और सामूहिक चर्चा सत्र भी आयोजित करेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा फेरबदल की इच्छुक है, पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी को ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई विधायक हमसे नाराज है। हमारे सभी विधायक हमारे साथ हैं। एक परिवार में कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इनका समाधान किया जाएगा। जब भी ऐसी घटनाएं होंगी, इन पर चर्चा की जाएगी।’
वहीं, तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि सात से आठ भाजपा विधायक और तीन सांसद लगातार पार्टी नेतृत्व के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि टीएमसी से बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं की बीजेपी में बने रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी अंतिम फैसला करेंगी।
इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय और उनके बेटे कुछ दिन पहले टीएमसी में शामिल हुए थे। उनकी ‘घर वापसी’ के बाद, भगवा पार्टी के अन्य टीएमसी दलबदलू ममता बनर्जी की पार्टी में अपनी वापसी पर विचार कर रहे हैं। हालांकि ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि चुनाव से पहले टीएमसी को धोखा देने वाले नेताओं को पार्टी में शामिल नहीं किया जाएगा।