नई दिल्ली: सिंगापुर की संसद में वहां के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग (Singapore PM Hsien Loong Nehru) द्वारा भारतीय सांसदों के कथित आपराधिक रिकॉर्ड का जिक्र करने और ‘नेहरू का भारत’ (Nehru’s India) शब्द का उपयोग करने के मामले में सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. भारतीय विदेश मंत्रालय (External Ministry of India) ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग की इस टिप्पणी को अनावश्यक बताया है और वहां के उच्चायुक्त को तलब किया गया है.
सिंगापुर की संसद में ”देश में लोकतंत्र को कैसे काम करना चाहिए” विषय पर बहस के दौरान वहां के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का जिक्र किया था. अपने भाषण में सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने जवाहरलाल नेहरू की तारीफ करते हुए कहा था, “अधिकतर देश उच्च मान्यताओं और महान मूल्यों पर बने हैं और वहीं से आगे बढ़े हैं. लेकिन कई बार, शुरुआती नेताओं और पिछली पीढ़ी से अलग दशकों में और धीरे-धीरे व्यवस्थाएं बदल जाती हैं. सिंगापुर के लोगों को जो व्यवस्था मिली है, आने वाली हर नई पीढ़ी को उसकी रक्षा करनी चाहिए और उसी पर आगे बढ़ना चाहिए.”
ली सीन लूंग ने अपने भाषण में आगे कहा, ”स्वतंत्रता के लिए लड़ने और जीत हासिल करने वाले नेता कई बार अद्भूत साहस, संस्कृति और बेहतरीन नेतृत्व क्षमता वाले असाधारण व्यक्तित्व के धनी होते हैं. एक तरह से आग से तप कर निकले होते हैं. महापुरुष और राष्ट्रनेता के रूप में उभरकर सामने आते हैं. जैसे डेविड बेन-गुरियन (इजरायल), जवाहरलाल नेहरू (भारत) और हमारे पास भी हमारे अपने नेता हैं.”
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने अपने भाषण में आगे जो कुछ कहा, उसे लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने आपत्ति जताई है. उन्होंने भारत की मौजूदा सरकार का जिक्र करते हुए कहा, “मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज नेहरू का भारत एक ऐसा भारत बन गया है जहां लोकसभा के करीब आधे सांसदों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जिनमें रेप और हत्या जैसे गंभीर मामले भी शामिल हैं. हालांकि ऐसा भी कहा जाता है कि इनमें से ज्यादातर मामले राजनीति से प्रेरित हैं.
विदेश मंत्रालय ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री द्वारा ”नेहरू का भारत” शब्द इस्तेमाल किए जाने और भारतीय सांसदों को लेकर की गई टिप्पणी के लिए विशेष रूप से अपना ऐतराज जताया है और भारत में सिंगापुर के उच्चायुक्त को तलब किया है. हालांकि, इस मामले में अब तक सिंगापुर की तरफ से कोई सफाई सामने नहीं आई है.