‘जनता का मुद्दा महंगाई है, बेरोजगारी है, कानून-व्यवस्था है. राज ठाकरे का अयोध्या दौरा कोई राष्ट्रीय मुद्दा है? मेरा पोता भी कल अयोध्या दौरा कर आया, मुझे टीवी न्यूज देख कर पता लगा’, शरद पवार ने कोल्हापुर के एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के अयोध्या दौरे पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
जब पत्रकारों ने राज ठाकरे के अयोध्या दौरे को लेकर हो रहे बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के विरोध को लेकर सवाल किया था. इसी सवाल के जवाब में शरद पवार ने यह बयान दिया. इसी कार्यक्रम में उन्होंने मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने, वरना एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा मस्जिदों के सामने दुगुनी आवाज में हनुमान चालीसा का पाठ किए जाने की राज ठाकरे की चेतावनी के मुद्दे पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी.
शरद पवार ने कहा, ‘ इस मुद्दे से किसी का आर्थिक नुकसान तो नहीं हो रहा लेकिन मुद्दा भावनाओं का है. शिर्डी में पिछले कई सालों से सुबह की प्रार्थना होती है. जो लोग मंदिर के अंदर नहीं जा पाते वे बाहर से सुनते हैं. लेकिन लाउडस्पीकर के मुद्दे की वजह से यह भी बंद हो गया है. लोग इसे फिर से शुरू करने की मांग कर रहे हैं. उनके सवाल हैं कि सालों से यह शुरू था, इसे अब क्यों रोक दिया गया है? इस मुद्दे को उठाए जाने की वजह से इसका अंजाम सभी समाज के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.’
जिनके हाथ सत्ता, उन्हें सुलझाना नहीं जनता का मुद्दा
एनसीपी प्रमुख ने कहा, ‘अब तक आम जनता के मुद्दे सुलझाए जाते थे. हनुमान चालीसा, लाउडस्पीकर जैसे मुद्दे नहीं उठाए जाते थे. आम जनता का मुद्दा महंगाई है, बेरोजगारी है, कानून-व्यवस्था है. ये सारे मुद्दे आज हाशिये पर चले गए. अयोध्या दौरा शुरू हो गया, हनुमान चालीसा का मुद्दा शुरू किया गया. इसका मतलब साफ है. जिनके हाथ देश की सत्ता है वे जनता के मुद्दों को सुलझाने में कामयाब नहीं हो सके हैं. इसलिए जनता का ध्यान भटकाने के लिए उन्होंने ये बनावटी मुद्दे खड़े किए हैं.’
बता दें कि 5 जून को राज ठाकरे का अयोध्या दौरा प्रस्तावित है. इस दौरे का बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि कुछ सालों पहले राज ठाकरे के कहने पर उनकी पार्टी एमएनएस के कार्यकर्ताओं ने उत्तरभारतीयों के साथ मारपीट की थी और उन्हें मुंबई और महाराष्ट्र से भगाया था, इसके लिए वे माफी मांगें. वरना राज ठाकरे को अयोध्या में उतरने नहीं दिया जाएगा.