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Saturday, April 20, 2024

RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- वर्ण, जाति व्यवस्था अतीत की बात है, इसे भुला दिया जाना चाहिए, इस पर आपकी क्या राय है?

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज के हित में सोचने वाले सभी लोगों को यह बताना चाहिए कि ‘वर्ण’ और ‘जाति’ व्यवस्था अतीत की बात है।

शुक्रवार को मोहन भागवत ने नागपुर में एक पुस्तक विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ”हमें अब वर्ण और जाति की अवधारणाओं को भूल जाना चाहिए…। आज अगर कोई इसके बारे में पूछता है, तो समाज के हित में सोचने वाले सभी को बताना चाहिए कि ये वर्ण, जाति व्यवस्था अतीत की बात है और ऐसे अतीत को भुला दिया जाना चाहिए।”

अल्पसंख्यकों को खतरे में डालना संघ का स्वभाव नहीं: मोहन भागवत

इससे पहले मोहन भागवत ने कहा था कि अल्पसंख्यकों को खतरे में डालना न तो संघ का स्वभाव है और न ही हिंदुओं का। मोहन भागवत का ये जवाब कांग्रेस और विपक्षी दलों के लिए था। कांग्रेस और विपक्षी दल ने आरएसएस पर समाज को विभाजित करने और लोगों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।

विजयादशमी पर्व के मौके पर भागवत ने कहा था, ”अल्पसंख्यकों के बीच यह डर पैदा किया जाता है कि हमें (संघ) या हिंदुओं से उन्हें खतरा है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और न ही भविष्य में ऐसा होगा। अल्पसंख्यकों को खतरे में डालना यह न तो संघ का स्वभाव है और न ही हिंदुओं का।”

भागवत बोले- ‘हिंदू समाज, किसी का विरोधी नहीं है’

भागवत ने कहा कहा था, “नफरत फैलाने वालों, अन्याय और अत्याचार करने वालों और समाज के प्रति गुंडागर्दी-अपराध के कृत्यों में लिप्त रहने वालों के खिलाफ आत्मरक्षा और हमारी खुद की रक्षा हर किसी के लिए एक कर्तव्य बन जाती है। लेकिन हमारी ओर से कभी कोई धमकी नहीं दी जाती है। हिंदू समाज, किसी का विरोधी नहीं है। संघ भाईचारे, सौहार्द और शांति के पक्ष में खड़े होने का संकल्प लेता है।”

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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