राजस्थान। रामदेव जैसे कथित बाबाओं के माध्यम से इस्लाम और मुसलमानों पर जानबूझकर टिप्पणी की जाएगी। ताकि ध्रुवीकरण किया जा सके। राजस्थान
में धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यवसायी व योगगुरु बाबा रामदेव का एक विवादित बयान सामने आया है, जिसमें रामदेव ने कहा कि “मुसलमान सुबह की नमाज पढ़ते हैं। उसके बाद उनसे पूछो कि तुम्हारा धर्म क्या कहता है? बस पांच बार नमाज पढ़ो, उसके बाद मन में जो आए वो करो हिंदुओं की लड़कियों को उठाओ और जो भी पाप करना है, वो करो।”
वह आगे कहते हैं कि, मुस्लिम समाज के बहुत से लोग ऐसा करते हैं, लेकिन नमाज जरूर पढ़ते हैं। आतंकवादी और अपराधी बनकर खड़े हो जाते हैं, लेकिन नमाज जरूर पढ़ते हैं। वो इस्लाम का मतलब ही नमाज समझते हैं। यही सिखाया जाता है, लेकिन हिंदू धर्म ऐसा नहीं है।
चुनाव आ रहे है,रामदेव जैसे कथित बाबाओं के माध्यम से इस्लाम और मुसलमानों पर जानबूझकर टिप्पणी की जाएगी। ताकि ध्रुवीकरण किया जा सके। एक भी जिम्मेदार इस बार विकास,शिक्षा स्वास्थ्य महंगाई गरीबी,भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी, बेरोजगारी, महिलाओं और बच्चों के हक,बुलडोजर,तालाब,डेम,पर्यावरण,पेड़ उगाओ मिशन,के साथ वार्ड तक कि समस्याओं पर बात नही करेगा। वजह सिर्फ इतनी है कि ये सब जगह लिप्त है, बोल नही सकते।
इंशाअल्लाह नमाज़ तो आखरी साँस तक हर मुस्लिम पढ़ेगा क्योंकि उसे अपने खुदा के पास वापस लौटकर जाना है। कब्र में सवाल यह होगा कि तूने मेरी कितनी इबादत की,सवाल यह नही होगा कि रामदेव ने जो कहा था उसके लिए क्यों नही लड़ा ।
देश मे धर्म के समानांतर पाखंड को सिर्फ इसलिए चलाया जाता है ताकि दुकानें चलती रहे। अगर दम है तो बोलो कि ईश्वर निराकार है, जिन्हें तुम देवता मानकर पूजते हो,वह खुद ॐ का जाप करते हैं। इसका मतलब वह निराकार है और सर्वोच्च है ,जिसकी इबादत के बिना कोई देवता भी पूज्यनीय नही है।