अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के गजट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 फोटो लगाए जाने पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। छात्र संघ के पूर्व पदाधिकारियों समेत कुछ छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय के गजट में यूनिवर्सिटी के संस्थापक रहे सर सैयद अहमद खां का अपमान किया गया है।
आरोप लगाया है कि गजट के बहाने उर्दू भाषा पर भी चोट करने की कोशिश की गई है। मामले में छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से अपनी शिकायतों को लेकर पत्र लिखा है। पत्र में एएमयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष हमजा सुफियान और दूसरे छात्रों ने कहा कि यूनिवर्सिटी ने शताब्दी वर्ष समारोह के तहत इस बार विशेष गजट जारी किया है। छात्रों ने पत्र लिख आरोप लगाया है कि यूनिवर्सिटी का गजट अकादमिक न होकर सिर्फ विज्ञापनों वाला हो गया है। छात्रों की ओर से कहा गया है, ‘गजट में पीएम मोदी की 7 फोटो तो पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की तीन तस्वीरें लगायी गयी हैं।’
छात्रों को आपत्ति इस बात से भी है कि यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खां की महज तीन तस्वीर और पीएम मोदी की 7 तस्वीरें क्यों लगायी गयीं। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन के कुछ अधिकारी निजी स्वार्थ पूरा करने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं।
छात्रों की आपत्ति इस बात से भी है कि गजट में यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों के बारे में कुछ भी नहीं बताया गया है। गजट की पीडीएफ तक जारी नहीं की गई है। छात्रों का कहना है, ‘सरकार को खुश रखने के लिए अंडर टेबल काम किया जा रहा है। एएमयू प्रशासन को विद्यार्थियों पर दर्ज मुकदमे वापस कराने व अन्य कामों में ज्यादा ध्यान देना चाहिए। जो कि नहीं किया जा रहा है।’
छात्रों की ओर से गजट में उर्दू को भी गायब करने का आरोप लगाया गया है। हालांकि गजट उर्दू भाषा में जारी किया गया है। मामले मे प्रशासन का कहना है,’ गजट हर बार की भांति अंग्रेजी व उर्दू दोनों भाषाओं में जारी किया गया है विश्वविद्यालय की ओर से शताब्दी वर्ष समारोह के अंतर्गत विशेष गजट जारी किया गया है। जिसमें शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री, शिक्षामंत्री के साथ अन्य अतिथियों के यादगार फोटो शामिल किये गये हैं। यह विश्वविद्यालय का रुटीन गजट नहीं था। ऐसे में विवाद जैसी कोई बात नहीं है।’