नई दिल्ली. आज के समय में, जहां एक कैशलेस ईकॉनोमी को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ऑनलाइन पेमेंट एप्स (Online Payment Apps) काफी पसंद की जा रही हैं. PhonePe, Paytm और Google Pay कुछ ऐसे नाम हैं जिन्हें किसी परिचय की जरूरत नहीं है. ऑनलाइन पेमेंट एप PhonePe ने हाल ही में यह सूचना जारी की है कि वह जल्द ही यूपीआई वाले ट्रान्जैक्शन्स (UPI-based Transactions) पर प्रोसेसिंग फी (Processing Fee) लगाने जा रहा है और स्मॉल-स्केल पर इस फीचर की टेस्टिंग भी शुरू हो गई है. आइए इससे जुड़ी सारी जानकारी लेते हैं..
PhonePe देश की पहली कंपनी है जिसने अपने यूजर्स से यूपीआई-बेस्ड ट्रान्जैक्शन्स पर प्रोसेसिंग फीस लेने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि बाकी कंपनियां फिलहाल इस सर्विस के लिए यूजर्स से कोई एक्स्ट्रा फीस चार्ज नहीं करती हैं.
स्मॉल-स्केल पर इस फैसले की हो रही है टेस्टिंग
इस डिजिटल पेमेंट एप ने अपने इस फैसले को स्मॉल-स्केल पर टेस्ट करना भी शुरू कर दिया है. जो भी यूजर इस एप से 50 और 100 रुपये के बीच का मोबाइल रिचार्ज करेगा, उसे एक रुपये की प्रोसेसिंग फी देनी होगी और 100 रुपये से ज्यादा वाले मोबाइल रिचार्ज पर दो रुपये प्रोसेसिंग फी ली जाएगी.
क्रेडिट कार्ड से होने वाले पेमेंट्स पर भी लगेगा चार्ज
PhonePe ने यह भी कहा है कि जो यूजर्स एप के जरिए क्रेडिट कार्ड्स से पेमेंट करते हैं उन्हें भी एक प्रोसेसिंग फी देनी होगी जैसे बाकी पेमेंट एप्स करती हैं. इस एप के अलावा भी कई सारी बिलिंग वेबसाइट्स और पेमेंट प्लेटफॉर्म्स बिल पेमेंट को प्रोसेस करने के लिए एक फी चार्ज करते हैं जिन्हें कई जगहों पर कन्वीनिएन्स फी भी कहा जाता है.
इस फैसले के पीछे का कारण
अगर आप सोच रहे हैं कि यह कदम क्यों उठाया जा रहा है तो हम आपको बता दें कि नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में यूपीआई के मार्केट शेयर पर एक कैप लगा दी है जिसके बाद किसी भी एप का मार्केट शेयर 30% से ज्यादा नहीं होगा. बर्न्सटीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक को NPCI के इस फैसले का पालन करने के लिए अपने कस्टमर्स के इन्सेनिटिव्स को कम करना होगा.
इस टेस्टिंग फीचर को PhonePe कब तक चलाएगा और कब से ये ट्रान्जैक्शन फी लेगा, इसकी कोई एक निर्धारित डेट सामने नहीं आई है.