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Saturday, April 27, 2024

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को अयोग्य ठहराने वाली याचिका हाई कोर्ट से खारिज, याचिका में विधानसभा व मंत्रिमंडल से हटाने की मांग थी

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नई दिल्ली: मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन को विधानसभा व मंत्रिमंडल से अयोग्य घोषित करने की मांग हाई कोर्ट ने ठुकरा दी है।

अयोग्य घोषित करने की मांग वाली जनहित याचिका को निरस्त करते हुए मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि अदालत का विचार है कि अनुच्छेद 226 के तहत रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करते हुए न्यायालय जैन को विकृत दिमाग वाले व्यक्ति के रूप में विधानसभा के सदस्य या मंत्रिमंडल के मंत्री होने से अयोग्य घोषित नहीं कर सकता है। 16 अगस्त को अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।

मनी लांड्रिग मामले में गिरफ्तार हैं सत्येंद्र

विदित हो कि ईडी ने 30 मई को मनी लांड्रिग से जुड़े मामले में सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था और वह न्यायिक हिरासत में हैं। पीठ ने कहा कि यह सच है कि जैन भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के साथ-साथ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अभियोजन का सामना कर रहे हैं। तथ्य यह है कि दंड प्रक्रिया संहिता-1973 अपने आप में एक पूर्ण संहिता है जो जांच और परीक्षण के संबंध में एक तंत्र प्रदान करती है। आपराधिक प्रक्रिया संहिता सभी आकस्मिकताओं को पूरा करती है और यह अभियोजन व न्यायालय के लिए कानून के अनुसार उचित कदम उठाने के लिए है।

याचिका में मंत्रिमंडल से निलंबित करने की मांग

बता दें कि आशीष कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में दायर याचिका में दावा किया था कि जैन ने ईडी के समक्ष कहा है कि कोरोना महामारी के कारण उन्होंने अपनी याददाश्त खो दी है। उनका यह बयान अदालत में स्वीकार्य है। अगर अपने द्वारा जारी निर्देश एक राज्य मंत्री को याद नहीं है तो इससे जनता प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 191 (1) (बी) के तहत स्पष्ट है कि अगर विधायक विकृत दिमाग के हैं तो उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। पिछले महीने हाई कोर्ट ने जैन की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्रिमंडल से निलंबित करने की मांग को लेकर अधिवक्ता शशांक देव सुधि के माध्यम से भाजपा पूर्व विधायक नंद किशोर गर्ग की याचिका को यह कहते हुए निरस्त कर दिया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह विचार करना है कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति को मंत्री के रूप में बने रहने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं।

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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