नई दिल्ली, 03 दिसंबर। ‘गैस चैंबर’ बनी दिल्ली-एनसीआर में फिलहाल वायु प्रदूषण से राहत नहीं मिलने वाली है। शुक्रवार को भी यहां बुरा हाल रहा, दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 471 के पास दर्ज किया गया। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर एयर पॉल्यूशन पर अपनी पिछली सुनवाई को आज भी जारी रखा। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के अपने निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने फ्लाइंग स्कॉड का गठन किया है।
सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई
गौरतलब है कि दिल्ली के अलावा एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में प्रदूषण के चलते लोगों को दिक्कतों का समना करना पड़ा रहा है। वहीं दिल्ली सरकार का कहना है कि राजधानी में प्रदूषण यूपी की तरफ से आता है। यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि ज्यादातर प्रदूषण पाकिस्तान की तरफ से आ रहा है। यूपी सरकार ने अपने तर्क में कहा, प्रदेश में उद्योगों के बंद होने से राज्य में गन्ना और दूध उद्योग प्रभावित हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति नीचे की ओर हैं।

तो पाकिस्तान की इंडस्ट्री बंद करा दें!
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील रंजीत कुमार ने कहा, ‘हम खुद हवा के बहाव के क्षेत्र में हैं, ऐसे में हमारी तरफ से दिल्ली में हवा जाना संभव ही नहीं है। हवा पाकिस्तान की तरफ से आ रही है।’ रंजीत कुमार के इस तर्क पर चुटकी लेते हुए चीफ जस्टिस ने सीवी रमन्ना ने कहा, ‘तो आप पाकिस्तान के उद्योग बंद करवाना चाहते हैं?’ बता दें कि आज की कोर्ट की सुनवाई पूरी हो चुकी है। अब सुप्रीम कोर्ट 10 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा।
दिल्ली में निर्माण कार्य की अनुमति मांगी
उधर, दिल्ली में निर्माण कार्य पर रोक को बहाल करने का आग्रह करते हुए दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में अस्पतालों की निर्माण गतिविधियों की अनुमति दी जाए। दिल्ली सरकार का कहना है कि कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए तैयारी करने और उसका मुकाबला करने के लिए अस्पतालों के बुनियादी ढांचे में सुधार का काम शुरू कर दिया गया था और 7 नए अस्पतालों का निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन निर्माण प्रतिबंध के कारण काम बंद हो गया है।