सड़क के किनारे जूता पाॅलिश करवाने के लिए आने वालों को मजेदार लतीफे सुनाता हैं जिससे खुश होकर लोग इसके सामने कतार लगा कर खड़े होते हैं।
कामियाबी यह नही की इंसान बड़े से औहदे पर फायज हो बल्कि कामियाबी यह है कि इंसान चाहे कोई भी काम करे लेकिन इसमे इस कद्र महारत हासिल करले कि हर कोई इसी से काम करवाना चाहे और चाहे कोई छोटा काम भी हो लेकिन उसे इज्जत की निगाह से देखा जाए।
कहा जाता है कि अगर कोई शख्स चाहे तो खुद से अपनी क़िस्मत बदल सकता है इसके लिए सिर्फ़ मेहनत और लगन की ज़रुरत होती है। अगर आपके अंदर जज्बा हैं तो, आप बड़े से बड़े मसले को हसते खेलते हल कर सकते हैं।
अमरिका के मैनहेडन में रहने वाले डाॅनवार्ड ने भी कुछ ऐसा ही किया। डाॅन कभी बेहद गरीब थे इनकी आमदनी से खुद इनका पेट भर पाना मुश्किल था। ऐसी सूरत ए हाल में इन्होने अपना जहन इस्तेमाल किया और वो एक मोची बन गए, वो आज इसी पेशे में लाखों रुपये कमा रहे हैं। डाॅन का काम इतना जबर्दस्त है कि लोग इनसे जूते चमकवाने के लिए कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतिजार करते हैं।
डाॅन की कामियाबी की कहानी लोगो को बहुत मुतासिर करती है। जिस शख्स के पास कुछ अर्सा पहले खाने के पैसे नहीं थे, आज वह 18 लाख महीने कमा रहा है। आप सोच रहे होगे डाॅन जूते चमकाने में ऐसा क्या कमाल करते हैं कि इतना कमा लेते हैं? दरअसल लोग इनके जूते पाॅलिश करने के अंदाज के दिवाने है। यह जूते पाॅलिश करते हुए एक खास काम करते हैं, जिसकी वजह से इनके पास लोगों का हुजूम होता है।
डाॅन सड़क के किनारे जूते पाॅलिश करते हैं, इनके पास जूते चमकवाने के लिए लोगों की कतार होती हैं। डाॅन अपने पास आने वाले ग्राहकों को मजेदार लतीफे सुनाते हैं। पहले वो लोगो को इनके गंदे जूतो पर ताना देते हैं इसके बाद जूते, साफ करते हुए बहुत से लतीफे सुनाते है भाग दौड़ वाली जिन्दगी से हंसी के दो पल मिलने से खुश होकर लोग जूता पाॅलिश के लिए डाॅन के पास आते हैं।
एक वक्त था जब डाॅन फोटो लैब में काम करता था। वहा मिलने वाला पैसा इतना कम था कि डाॅन को कई मरतबा भूखे रहना पड़ता था। इसके बाद उन्होने यह नौकरी छोड़ दी। और सड़क के किनारे जूते पाॅलिश करने लगे आज एक दिन में इनकी कमाई 60 हजार रुपये हैं डाॅन की कमाई देखकर, इनके एक दोस्त ने भी वही काम शुरू कर दिया।
लोगों को डाॅन की कहानी काफी मुतास्सिर कुन लगी। लोगो ने तबसिरा करते हुए कहा कि अगर जज्बा हो तो क्या कुछ नही किया जा सकता है? यह उसकी उम्दा मिसाल है।