काबुल: अमेरिका को हराकर अफगानिस्तान की सत्ता अपने हाथो में लेने वाले संगठन तालिबान ने नूपुर शर्मा के पैगंबर पर दिए गये विवादित बयान पर कहा है, कि उन्हें माफी नहीं मिलनी चाहिए।
नुपूर शर्मा विवाद पर बोला तालिबान
तालिबान ने भारतीय सुप्रीम कोर्ट के उस बयान का समर्थन किया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, कि नुपूर शर्मा के विवादित बयान ने भारत में आग भड़काया है। सुप्रीम कोर्ट ने नुपूर शर्मा के बयान का आलोचना करते हुए उस याचिका को भी खारिज कर दिया था, जिसमें उसने सभी केसेस को दिल्ली में ट्रांसफर करने की याचिका लगाई थी।
अब तालिबान ने कहा है कि, वह भारतीय सुप्रीम कोर्ट के इस बात से सहमत है, कि नुपूर शर्मा के बयान ने भारत में आग भड़काया है, लेकिन आगे तालिबान ने कहा है कि, ‘पैगंबर के अपमान के लिए नुपूर शर्मा को माफी नहीं मिलनी चाहिए’। भारतीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्या कांत ने कहा था कि नुपुर शर्मा की ‘ढीली जीभ’ ने सभी परेशानी पैदा कर दी है और उसे अपने कार्यों के लिए राष्ट्र से माफी मांगनी चाहिए।
‘माफी नहीं फांसी की मांग’
सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद तालिबान के प्रवक्त जबीहुल्लाह ने भी इस बाबत बयान जारी किया है। उर्दू में पोस्ट किए गए एक ट्वीट में, ज़बियुल्लाह ने कहा कि. भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि नुपुर शर्मा और उसकी ढीली जीभ ने पूरे देश को आग लगा दी है, और उसे इस्लाम के पैगंबर पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
तालिबान के प्रवक्ता ने यह भी मांग की कि नुपुर शर्मा को क्षमा नहीं किया जाना चाहिए, और उसे फांसी दी जानी चाहिए। तालिबान ने इसके साथ एक हैशटैग का भी इस्तेमाल किया, जिसका मतलब है कि ईशनिंदा दूत को खारिज कर दिया गया।
नुपूर शर्मा की तस्वीर भी किया शेयर
तालिबान के प्रवक्ता ज़बिहुल्लाह मुजाहिद में नुपुर शर्मा की एक तस्वीर भी पोस्ट किया, जिसमें नुपूर की तस्वीर पर एक आदमी पैर रख रहा था और उस तस्वीर में नुपूर शर्मा को गिरफ्तार करने की मांग की गई थी। वहीं, सबसे खास बात ये है, कि तालिबान के प्रवक्ता ने अपने इस पोस्ट को अफगानिस्तान की स्थानीय भाषा पश्तो में नहीं पोस्ट करते हुए ऊर्दू में पोस्ट किया है, जो एक तरह से साफ संदेश दे रहा है, कि वो किन लोगों को संबोधित कर रहे है।